दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस मनमोहन (Justice Manmohan) अब सुप्रीम कोर्ट जज बन चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई संजीव खन्ना (CJI Sanjiv Khanna) ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट जस्टिस पद (Supreme Court Judge) की शपथ दिलाई. शपथ समारोह के दौरान सुप्रीम कोर्ट के सभी जज मौजूद रहे. बता दें कि जस्टिस मनमोहन के शपथ लेने के बाद शीर्ष अदालत में जजों की कुल संख्या 33 हो जाएगी, जो कि सुप्रीम कोर्ट की कुल जजों की संख्या 34 से एक कम है.
23 नवंबर के दिन सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजियम ने जस्टिस मनमोहन को वरिष्ठता क्रम में पूरे देश में दूसरे नंबर पर बताते हुए सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर नियुक्ति के सिफारिश की थी. वहीं, तीन दिसंबर के दिन केन्द्र ने जस्टिस मनमोहन को सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर नियुक्त करने को लेकर कॉलेजियम की सिफारिश से सहमति जताई थी.
जस्टिस मनमोहन की उम्र 61 वर्ष है, जो कि हाईकोर्ट की जजों के रिटायरमेंट की उम्र (62 वर्ष) से एक साल कम है. वहीं सुप्रीम कोर्ट जजों के रिटायरमेंट की उम्र 65 वर्ष है.
दिल्ली हाईकोर्ट में आयोजित विदाई समारोह में जस्टिस मनमोहन ने खुद से जुड़े कई बड़े खुलासे किए, जिसमें की वे अपने घर से पहले व्यक्ति हैं, जिसने कानूनी क्षेत्र में अपना करियर बनाया. इसी दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट में 16 साल से ज्यादा का समय बिताया है.
1962 में जन्मे जस्टिस मनमोहन ने डीयू के लॉ कैम्पस से वकालत की पढ़ाई की थी. वकालत की डिग्री मिलने के बाद साल 1987 में ही उन्होंने दिल्ली बार काउंसिल में खुद को एनरोल करवाया. साल 2003 में सीनियर एडवोकेट का डेजिगनेशन मिला, तो वहीं 2008 में दिल्ली हाईकोर्ट में उन्हें एडिशनल जज नियुक्त किए गए. साल 2009 में उन्हें परमानेंट 'जज' के तौर पर बहाल किया गया.
जस्टिस मनमोहन 29 नवंबर, 2024 को दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त किए गए थे. उससे पहले, वे दिल्ली हाईकोर्ट में एक्टिंग चीफ जस्टिस के तौर पर अपनी सेवा दे रहे थे. उन्हें 9 नवंबर 2023 को यह दायित्व सौंपा गया था.
आज 5 दिसंबर के दिन उन्होंने सुप्रीम कोर्ट जज के पद की शपथ ली.