हाल ही में केरल हाईकोर्ट ने वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास (Wayanad Landslide Rehabilitation Fund) से संबंधित 'गलत' वित्तीय आंकड़े प्रदान करने के लिए राज्य सरकार और उसके आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की आलोचना की. केरल हाईकोर्ट ने कोष प्रबंधन (Fund Management) में देरी पर सवाल उठाया और केन्द्र से सहायता मांगते समय सटीक आंकड़ों को रखने को कहा है. सरकार को गुरुवार तक राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष से विस्तृत आंकड़े पेश करने का आदेश दिया गया है.
जस्टिस एके जयशंकरन नांबियार और जस्टिस मोहम्मद नियास सीपी की पीठ ने यह भी सवाल किया कि कोष प्रबंधन में महीनों की देरी क्यों हो रही है. अदालत ने कहा कि यह एक और आपदा में बदल रहा है. केरल हाईकोर्ट ने शनिवार को राज्य सरकार और इसके आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) की आलोचना करते हुए कहा कि वायनाड के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास के संबंध में उनके धन संबंधी आंकड़े गलत हैं.
पीठ ने कहा कि केंद्र से सहायता मांगते समय राज्य सरकार को सटीक आंकड़े उपलब्ध कराने चाहिए. अदालत ने उल्लेख किया कि आंकड़े सटीक नहीं है और कोष का प्रबंधन ठीक से नहीं किया जा रहा. इसने सरकार और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) को धन के संबंध में सटीक आंकड़े प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.
अदालत ने निर्देश दिया कि पुनर्वास के लिए राज्य आपदा मोचन कोष (SDRF) में 677 करोड़ रुपये से आवंटित राशि, खर्च की गई राशि और आवश्यक राशि के आंकड़े अदालत के समक्ष रखे जाने चाहिए. राज्य सरकार ने अदालत से कहा कि वह पीठ द्वारा मांगा गया विवरण बृहस्पतिवार को मुहैया कराएगी.
(खबर भाषा के आधार पर लिखी गई है)