Justice CT Ravikumar Farewell Ceremony: सुप्रीम कोर्ट के नौंवे वरिष्ठतम जज 'जस्टिस' सीटी रविकुमार के रिटायरमेंट होने से पहले का आखिरी कार्यदिवस है. जस्टिस रविकुमार आगामी रविवार के दिन सेवानिवृत हो रहे हैं. आज सुप्रीम कोर्ट में उनके सम्मान में एक विदाई समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें सीजेआई संजीव खन्ना सहित अन्य साथी और बार के सदस्य मौजूद रहें. इस दौरान उनके करियर को सीजेआई संजीव खन्ना ने बेहद प्रेरणादायक बताया, तो वहीं मौके पर मौजूद एससीबीए प्रेसिडेंट कपिल सिब्बल ने जस्टिस रविकुमार को सरल, विनम्र, विचारशील और सभी की सुनने वाले जज के रूप में वर्णित किया. आइये जानते हैं कि जस्टिस रविकुमार के विदाई समारोह में किसने क्या-कहा...
भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की प्रशंसा की. उन्होंने उन्हें 'मानवीय और महान आत्मा' के रूप में वर्णित किया.
CJI खन्ना ने कहा,
"ग्रामीण पृष्ठभूमि से आकर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में सेवा करना एक अद्वितीय उपलब्धि है. जस्टिस रविकुमार ने न केवल यह हासिल किया है, बल्कि अपने कर्तव्यों में भी उत्कृष्टता दिखाई है."
CJI ने न्यायमूर्ति रविकुमार के न्यायपालिका पर स्थायी प्रभाव को स्वीकार करते हुए उन्हें भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया.
CJI ने कहा,
"उन्होंने सभी न्यायाधीशों के लिए एक विरासत छोड़ी है. हम उन्हें निश्चित रूप से याद करेंगे, लेकिन उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देते हैं."
जस्टिस रविकुमार 31 अगस्त, 2021 के दिन सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया था. इससे पहले, वे केरल हाईकोर्ट में एक शानदार कार्यकाल बिताया था. वे सर्वोच्च न्यायालय में नौवें वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं. जस्टिस रविकुमार ने अपने विदाई भाषण में बार के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की. जस्टिस रविकुमार ने कहा कि मैं एक वकील था और वह वकील आज भी मेरे अंदर है. यही कारण है कि मैं हमेशा बार का बहुत सम्मान करता हूं.
एससीबीए प्रेसिडेंट कपिल सिब्बल ने जस्टिस रविकुमार को सरल, विनम्र, विचारशील और सभी की सुनने वाले जज के रूप में बताते हुए कहा कि उनका यह गुण उन्हें न केवल एक जज, बल्कि एक महान मानवता का प्रतीक बनाता है. विदाई समारोह में कपिल सिब्बल ने जस्टिस रविकुमार के क्रिकेट और प्रकृति के प्रति प्रेम का जिक्र किया. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन प्रेसिडेंट ने कहा कि आपकी तरह, मैं भी हर दिन आधे घंटे के लिए प्रकृति को देखता हूं, क्योंकि मैं हर दिन उससे कुछ सीखता हूं.
जस्टिस रविकुमार ने 12 जुलाई 1986 के दिन केरल बार काउंसिल में वकील के तौर पर अपना एनरोलमेंट करवाया. पहले उन्होंने मावेलिकारा (Mavelikara) जिला अदालत में प्रैक्टिस किया और बाद में वे केरल हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे, यहां पर वे पूर्व भारत के मुख्य न्यायाधीश के.जी. बालाकृष्णन के संपर्क में आए. केरल हाईकोर्ट में, जस्टिस रविकुमार ने मुख्य रूप से नागरिक, आपराधिक, श्रम और सेवा मामलों पर काम किया. 1996 से 2001 के बीच, वे सरकारी वकील के रूप में सेवा दी और साल 2006 में उन्हें सीनियर वकील के रूप में नामित किया. 20 वर्षों से अधिक समय तक केरल उच्च हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने के बाद, जस्टिस रविकुमार को 5 जनवरी 2009 को 'एडिशनल जज' के रूप में नियुक्त किया गया और 15 दिसंबर 2010 को उन्हें 'परमानेंट जज' के रूप में नियुक्त किया गया.
17 अगस्त 2021 को, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस रविकुमार सहित आठ अन्य न्यायाधीशों को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के लिए सिफारिश की. वे केरल से सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत होने वाले 15वें न्यायाधीश बने. 5 जनवरी 2025 के दिन, जस्टिस चार साल के कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त होने वाले हैं. उनके कार्यकाल के दौरान, वे दलित समुदाय के तीन मौजूदा न्यायाधीशों में से एक हैं