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सबको भावुक कर गए Justice Suresh Kumar Kait, अपने करियर को लेकर विदाई समारोह में जो भी कुछ बताया, HC बार एसोसिएशन ने रखा फेयरवेल

जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने कहा कि यह भारत की संविधान की देन है कि जब वे दिल्ली हाई कोर्ट के जज की शपथ ले रहे थे, तो उनके साथ पूर्व राष्ट्रपति के बेटे बदर दुर्ज़ अहमद ने भी उस पद की शपथ ली थी.

Justice Suresh Kumar Kait, Madhya Pradesh HC

Written by Satyam Kumar |Published : May 21, 2025 2:39 PM IST

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के वर्तमान चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत 24 मई को सेवानिवृत हो रहे हैं. उनके सम्मान में 20 मई को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने उनके सम्मान में विदाई समारोह आयोजित की थी. इस दौरान बेंच और बार के सम्मानित सदस्य उनके साथ मौजूद रहें. इस समारोह में जस्टिस ने अपनी करियर से जुड़ी कई सारी राज की बातें बताई. बार-बेंच के सदस्यों के बाद, जस्टिस सुरेश कुमार कैत की संबोधन करने की बारी आई. तो उन्होंने कहा कि साथी सदस्यों को सुनने के बाद ऐसा लगता है कि मेरी फेयरवेल स्पीच लीक कर दी गई है, ऐसा कुछ बचा नहीं जो साथियों ने नहीं कहा हो.

जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने कहा कि जब वे अपने गांव का नाम गूगल पर सर्च करते थे तो वह आस्ट्रेलिया के किसी आइलैंड का नाम दिखाता. उन्होंने बताया कि वह जगह असल हिस्से से कितना पिछड़ा है. उन्होंने कहा कि उनके पिता मजदूर थे. दसवीं तक उन्होंने भी खेतों में काम किया है. मैं जिस स्कूल में जाता था, वहां खिड़कियां नहीं होती थी, पेड़ो के नीचे क्लासेस लगती थी. जस्टिस ने कहा कि जब वे दिल्ली लॉ कॉलेज में आए, तो यह उनके गांव के लिए बेहद गर्व का विषय था.

वकालत की पढ़ाई पूरी होने के बाद जब वे वकालती प्रैक्टिस में आए, तो पटियाला हाउस कोर्ट में शुरूआत की, जहां उन्हें पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मिले. और जब जस्टिस पहली बार हाई कोर्ट में अपनी बात रखने पहुंचे तो वहां उन्होंने पहली पूर्व राष्ट्रपति के मुकदमे में एक्जमप्शन की मांग की. क्योंकि उस समय रामनाथ कोविंद राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जा चुके थे.

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जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने आगे बताया कि जब वे 2008 में हाई कोर्ट के जस्टिस बने थे, उस समय भारत के र्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के बेटे बदर दुर्ज़ अहमद ने भी जज पद की शपथ ली थी. यह भारत की संविधान की देन है, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की देन है. क्योंकि एक मजदूर का बेटा और पूर्व राष्ट्रपति का बेटा एक साथ जज बन रहे थे.

बता दें कि जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने अपने करियर के दौरान कई अहम फैसले सुनाए. हाल ही में उन्होंने  भोपाल गैस त्रासदी के कचरे का निपटारा कराया. साथ ही उन्होंने पुलिस स्टेशन में मंदिरों के बनाए जाने से भी आपत्ति जताई थी. वहीं, मानवीय आधार पर एक दिव्यांग बच्चों को हवाई यात्रा का अनुभव भी कराया.