Advertisement

CJI के समर्थन में आए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, उनके प्रोटोकॉल की अनदेखी से जताई नाराजगी

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) द्वारा प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर व्यक्त की गई नाराजगी का समर्थन किया.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

Written by Satyam Kumar |Published : May 20, 2025 2:16 PM IST

देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice-President Jagdeep Dhankhar)  ने सीजेआई की अगुवाई में प्रोटोकॉल का पालन नहीं किए जाने पर नाराजगी जाहिर की. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारत के चीफ जस्टिस भुषण गवई की नाराजगी का समर्थन करते हुए कहा कि प्रोटोकॉल का पालन मूलभूत है और इसका पालन सभी संस्थानों द्वारा किया जाना चाहिए. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की यह टिप्पणी वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसारिया द्वारा संपादित पुस्तक 'हमने जो संविधान अपनाया' के विमोचन के दौरान की.

CJI ने व्यक्तिगत तौर पर नहीं कही: VP

उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस सुबह मुझे एक महत्वपूर्ण बात पता चली जो देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और यह किसी व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं है. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हमें प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए.

उपराष्ट्रपति ने कहा,

Also Read

More News

"देश के मुख्य न्यायाधीश और प्रोटोकॉल को बहुत ऊंचा स्थान दिया गया है. जब उन्होंने (CJI)  यह बात कही, तो यह व्यक्तिगत नहीं थी, बल्कि उनके द्वारा धारण की गई स्थिति के लिए थी."

उपराष्ट्रपति ने सभी से अनुरोध किया कि इस बात को आगे से ध्यान में रखा जाए.

CJI ने प्रोटोकॉल की अनदेखी पर जताई नाराजगी

हाल ही में सीजेआई बीआर गवई मुंबई पहुंचे थे. मुंबई बार एसोसिएशन ने उनके सम्मान में एक कार्यक्रम आयोजित किया था. इस कार्यक्रम के दौरान सीजेआई ने राज्य के सीनियर अधिकारियों द्वारा प्रोटोकॉल पालन नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई है. सीजेआई ने कहा कि हालांकि, मैं इन छोटे-मोटे चीजों में नहीं पड़ना चाहता हूं लेकिन जब देश के सीजेआई किसी अन्य राज्य में जाते हैं तो उनके स्वागत में, प्रोटोकॉल के तहत राज्य के उच्च अधिकारी उनके स्वागत में मौजूद होते हैं. लेकिन जब मैं मुंबई आया तो यहां ना राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी और ना ही मुंबई के पुलिस कमिश्नर मौजूद रहे. सीजेआई ने कहा कि यह अन्य संवैधानिक संस्थानों द्वारा न्यायपालिका के प्रति सम्मान का प्रश्न है. उन्होंने कहा कि जब किसी संवैधानिक संस्थान का प्रमुख पहली बार राज्य का दौरा करता है, तो उसे दिए जाने वाले स्वागत पर ध्यान दिया जाना चाहिए. सीजेआई ने कार्यपालिका को संवैधानिक परंपराओं और सीमाओं की याद दिलाई.