Independence Day 2024: भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट में 78वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में कहा कि वकील और बार आजादी के बाद भी हमारे देश में अच्छाई के लिए आवाज उठा रहे हैं. सीजेआई ने बार के कार्यों की सहाना करते हुए कहा कि आज वकील, अदालत और न्यायालय के बीच में सेतु की भूमिका निभा रहे है. इस दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने देश के वकीलों ने देश की आजादी में अहम भूमिका निभाई, वे अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़कर अपना जीवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया.
सीजेआई ने आजादी के लड़ाई के दिनों को याद करते हुए कहा कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम में, कई वकीलों ने अपनी कानूनी पेशे को छोड़ और खुद को राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया.
सीजेआई ने आगे कहा कि
"वे (वकील) न केवल भारत के लिए स्वतंत्रता प्राप्त करने में, बल्कि एक मजबूत न्यायपालिका की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. साथ ही देशभक्त वकीलों का कार्य भारत को उसकी स्वतंत्रता प्राप्त करने के साथ समाप्त नहीं हुआ. आज वे अदालत और लोगों के बीत सेतु की भूमिका निभा रहे हैं."
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कानूनी समुदाय को याद दिलाया कि भारतीय समाज और न्यायालय की नैतिक अंतरात्मा को बनाए रखना उनकी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि बार देश में कई महत्वपूर्ण संवैधानिक और कानूनी विकासों की दिशा के लिए जिम्मेदार रहा है, जिसने हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की आकांक्षाओं को आगे बढ़ाया है.
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा,
"कानूनी समुदाय संविधान को एक मजबूत बुनियादी ढांचे पर स्थापित करने, ठोस प्रक्रिया शुरू करने, महिलाओं, लैंगिक अल्पसंख्यकों और एलजीबीटीक्यू+ लोगों और अन्य हाशिए के समुदायों की गरिमा की रक्षा करने में सहायक रहा है."
उन्होंने कहा कि देश ने पिछले 77 वर्षों में सामाजिक न्याय, वैज्ञानिक विकास, आर्थिक समृद्धि और राजनीतिक मील के पत्थर की नई सीमाओं को फतह किया है.
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा,
"भारत में हर धड़कता हुआ दिल, चाहे उनकी उम्र या कद कुछ भी हो, समय में पीछे चला जाता है और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति श्रद्धा और देशभक्ति की गहरी भावना से भर जाता है, जब हम स्वतंत्रता दिवस पर स्वतंत्रता की हवा में अपने राष्ट्रीयय झंडे को फहराते हुए देखते हैं."
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने ये बातें स्वतंत्रता दिवस के दिन सुप्रीम कोर्ट में आयोजित कार्यक्रम में कहीं.