34 Judges in Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों पर तेजी से कार्रवाई करते हुए केंद्र ने मंगलवार को जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह और आर महादेवन की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति को मंजूरी दे दी. दोनों जजों के शपथ लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 32 से बढ़कर 34 हो गई है जोकि सुप्रीम कोर्ट में जजों की अधिकतम संख्या है.
एक्स पर एक पोस्ट में, केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने घोषणा की कि राष्ट्रपति, भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्ति के तहत, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) के अनुशंसा के बाद दो न्यायाधीशों को नियुक्त करते हुए हमें बेहद खुशी हो रही है.
In exercise of the powers conferred by the Constitution of India, Hon’ble President, after consultation with Hon’ble Chief Justice of India, is pleased to appoint the following as
Supreme Court Judges:- pic.twitter.com/OWQ9iGIooG — Arjun Ram Meghwal (@arjunrammeghwal) July 16, 2024
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा 11 जुलाई को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एन कोटिश्वर सिंह और मद्रास उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आर महादेवन को सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत करने की सिफारिश की. नामों की सिफारिश होने के पांच दिन के अंदर ही केंद्र सरकार ने नामों को अपनी सहमति दे दी थी.
जस्टिस सिंह और महादेवन के शपथ ग्रहण के बाद सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जारी एक बयान में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कहा कि उसने शीर्ष अदालत में नियुक्ति के लिए सिफारिशें करते समय वरिष्ठता, योग्यता, ईमानदारी, क्षेत्र, लिंग और समुदाय की विविधता और समाज के हाशिए पर पड़े और पिछड़े वर्गों को शामिल करने जैसे कारकों को ध्यान में रखा गया है.
मणिपुर के रहने वाले जस्टिस कोटिस्वर सिंह को मूल रूप से अक्टूबर 2011 में गुवाहाटी उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. पिछले साल फरवरी में उन्हें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था.
कॉलेजियम ने कहा,
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में उनकी नियुक्ति से पूर्वोत्तर को प्रतिनिधित्व मिलेगा, और विशेष रूप से वे मणिपुर राज्य से सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने वाले पहले न्यायाधीश होंगे.
कॉलेजियम ने कहा, न्यायमूर्ति एन कोटिस्वर सिंह का न्यायिक क्षमता और जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में प्रशासनिक पक्ष में उनके द्वारा किए गए कार्य के संदर्भ में एक बेदाग रिकॉर्ड है.
न्यायमूर्ति आर. महादेवन वर्तमान में मद्रास उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश हैं और मद्रास उच्च न्यायालय के सेवारत न्यायाधीशों के क्रम में तीसरे स्थान पर हैं. कॉलेजियम ने कहा कि पिछड़े समुदाय को प्रतिनिधित्व देने के लिए उसने न्यायमूर्ति महादेवन की उम्मीदवारी को प्राथमिकता दी है.
कॉलेजियम ने कहा,
न्यायमूर्ति महादेवन तमिलनाडु राज्य के एक पिछड़े समुदाय से हैं. उनकी नियुक्ति से पीठ में विविधता आएगी.