नई दिल्ली: अगर आप किसी सरकारी या निजी संगठन में कार्यरत हैं और आपका TDS (Tax Deduction at Source) कटता है तो यह जानकारी लिए आपके लिए महत्वपूर्ण है कि अब कंपनी आप से बिना पूछे TDS कटौती नहीं कर पाएगी. पहले, कंपनी TDS काटने से पहले ऐसा नहीं था, लेकिन अब यह बड़ा बदलाव किया गया है.
आयकर विभाग (Income Tax Department) ने स्पष्ट कहा है कि जो कंपनी के नियोक्ता (Employers) हैं उन्हें अपने कर्मचारियों (Employees) से चालू वित्त वर्ष 2023-24 में उनकी पसंद के कर व्यवस्था (Tax Regime) के बारे में पूछना होगा और उसके मुताबिक स्रोत पर कर कटौती (TDS) करनी होगी.
हमारे देश में टैक्स सिस्टम के अनुसार, TDS यानि स्त्रोत पर कर कटौती, टैक्सेशन (कर-निर्धारण) में बेहद महत्वपूर्ण शब्द है. जिसका सीधा संबंध टैक्सपेयर्स (कर दाताओं) से है. इसके माध्यम से सरकार इनकम टैक्स एकत्रित करती है. जिस व्यक्ति के इनकम से कटौती की जाती है (डिडक्टी) उनके लिए यह सुविधाजनक है क्योंकि इसकी कटौती अपने आप हो जाती है.
आसान भाषा कहा जाए तो TDS एक प्रत्यक्ष कर (Direct Tax) निर्धारण का तरीका है जिसकी शुरुआत आय के स्त्रोत (Income Source) से या इनकम पेआउट के वक्त से ही टैक्स एकत्रित करने के लिए की गई. इसके तहत अगर कोई व्यक्ति (कटौती करनेवाला/ डिडक्टर) किसी अन्य व्यक्ति को भुगतान करने के लिए जिम्मेदार है तो वह सोर्स (स्त्रोत) पर टैक्स में डिडक्शन (कटौती) कर शेष रकम डिडक्टी को ट्रान्स्फर करेगा.
काटी गई टीडीएस राशि केंद्रीय सरकार को भेज दी जाती है. फॉर्म 26एएस या डिडक्टर (कटौती करनेवाले) द्वारा जारी किए गए टीडीएस सर्टिफिकेट (प्रमाणपत्र) में डिडक्टी टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (टीडीएस) राशि की जांच कर सकता है. टीडीएस टैक्स चोरी पर नियंत्रण रखने में मदद करता है.
नए नियम के अनुसार, नियोक्ताओं को अपने प्रत्येक कर्मचारी से उनकी मनपसंद कर व्यवस्था के बारे में जानकारी लेनी होगी और अपनाई गई कर व्यवस्था के अनुसार टीडीएस कटौती करनी होगी. पर्सनल इनकम टैक्स पेयर्स के पास यह चुनने का विकल्प है कि वे छूट और कटौती की पेशकश करने वाली पुरानी कर व्यवस्था (Old Tax Regime) में रहना चाहते हैं या नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) को अपनाना चाहते हैं. नई कर व्यवस्था में कर दरें कम हैं, लेकिन कोई छूट नहीं है.
इनकम टैक्स एक्ट के नियमानुसार अगर आप की आय इनकम टैक्स के नियम के तहत आती है तो कंपनी उस पर TDS काट लेती है.
Income Tax के नए नियम के अनुसार अगर कोई कर्मचारी अपने नियोक्ता को अपनी पसंद की टैक्स रिजीम के बारे में नहीं बताता है, तो ऐसी स्थिति में कंपनी को बजट 2023-24 में हुए ऐलान के अंतर्गत नए कर व्यवस्था के आधार पर वेतन से टीडीएस की कटौती करनी होगी.
न्यू टैक्स रिजीम में 87A के तहत एक्जेम्पशन लिमिट बढ़ा दी गई है. अब एक्जेम्पशन के साथ 7 लाख तक की आय रखने वालों को कोई टैक्स नहीं भरना होगा. अधिकतम रिबेट की सीमा 25,000 रुपये है. यानी 7 लाख तक की आय रखने वालों को बिना कोई एक्जेम्प्शन क्लेम किए बिना भी टैक्स नहीं भरना होगा.
इसके अलावा, फाइनेंस बिल (Finance Bill) में संशोधन किया गया है कि 7 लाख रुपये की टैक्स फ्री इनकम से कुछ अधिक आय अर्जित करने वाले व्यक्तियों को केवल अतिरिक्त इनकम पर ही टैक्स का भुगतान करना होगा. नई टैक्स रिजीम के तहत भी 50,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन के लाभ मिलेगा.