Monetary Policy Committee: हर दो महीने पर होने वाली भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) का फैसला आ गया है. RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज यानि शुक्रवार को कमेटी द्वारा लिए गए निर्णय की जानकारी दी है. RBI ने लगातार आठवीं बार ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है यानि 6.5% को बरकरार रखा है. ब्याज दर यथावत रखने का मतलब आपके लोन नहीं बढ़ेंगे, EMI मंहगी नहीं होगी. RBI ने ब्याज दरों के साथ-साथ रेपो रेट में भी किसी प्रकार के चेंजेंस नहीं किए हैं. बता दें कि इससे अप्रैल में हुई मीटिंग के बाद भी कोई बढ़ोत्तरी नहीं की थी.
RBI ने FY25 के लिए GDP ग्रोथ का अंदेशा 7.2% तक लगाया है. हालांकि, RBI ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए महंगाई अनुमान 4.5% तक ही रखा है.
मीटिंग के बाद RBI ने रेपो रेट को भी यथावत रखने का निर्णय लिया है. बता दें, रेपो रेट (Repo Rate) का प्रयोग RBI महंगाई को नियंत्रित करने में करती है. अगर बाजार में महंगाई बढ़ रही है, तो RBI रेपो रेट को बढ़ाएगी, रेपो रेट बढ़ाने का मतलब RBI बैंकों को मंहगे दर पर ब्याज देगी, तब बैंक अपने ग्राहकों के लिए अपना लोन रेट बढ़ाएगी, परिणामस्वरूप डिमांड घटेगी, परिणामस्वरूप महंगाई घटेगी.
वहीं, जब इकोनॉमी बुरे दौर से गुजरती है, तो RBI रेपो रेट घटाती है, परिणामस्वरूप बैंक भी लोन रेट कम करते हैं जिससे डिमांड बढ़ता है. और इकोनॉमी में गतिविधि को तेजी मिलती है.
मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी में छह सदस्य है. कमेटी में RBI के अधिकारी सहित बाहरी सदस्य भी शामिल है. मीटिंग में शामिल हुए सदस्यों की बात करें, तो इसमें RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास, अधिकारी राजीव रंजन और माइकल देबब्रत शामिल हैं. बाहरी सदस्यों के तौर पर शशांक भिड़े, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा कमेटी में शामिल हैं.