New Income Tax Bill 2025: आम लोगों को राहत पहुंचाने के लिए इस बार बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ी घोषणा की है, चाहे वह कमरे को किराये पर देने से कमाई होनी वाली रेंट में टीडीएस की सीमा को छह लाख तक करना हो या 12 लाख तक की आय पूरी इनकम टैक्स में छूट मिलना हो. वहीं बुर्जुगों का भी खास ख्याल रखा गया है, उन्हें ब्याज से होने वाली कमाई पर टीडीएस (Tax Deduction At Source) से छूट दी गई है. टैक्स डिडक्शन एट सोर्स, यानि सरकार को आप सीधे टैक्स देते हैं. उदाहरण के तौर पर आप केबीसी में राशि जीतते हैं, तो सरकार टैक्स काटकर पैसा भेजती है, यानि टैक्स डिडक्शन एट सोर्स. सरकार टैक्स की इन प्रक्रियाओं को आसान और लोगों को समझ में आनेवाली बनाने को लेकर New income Tax Bill 2025 लाने जा रही है. आइये जानते हैं कि इस विधेयक की वो सारी बातें, जो इसे लोगों की चर्चा का केन्द्र बना रही है....
बिल की खासियत पर चर्चा करने से पहले आपको बता दें कि कैबिनेट ने सात फरवरी के दिन New Income Tax विधेयक पर अपनी रजामंदी दे दी है. उम्मीद जताई जा रही है कि बिल कल सदन में रखा जाएगा. सदन में विधेयक प्रस्ताव पास होने के बाद उसे स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजे जाने की उम्मीद है.
वैल्यू एडेड टैक्स (VAT), सेल्स टैक्स, गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) आदि टर्म भले ही देखने में सिंपल लगे, लेकिन समझने जाएंगे तो इनके बीच के बारीक अंतर से आप दंग रह जाएंगे, तो कई लोग सुनकर ही बचने का प्रयास करें और विधेयक में इन शब्दों का प्रयोग किस तरह है, आपने कभी इनकम टैक्स 1961 की पीडीएफ खोलकर देखें, तो समझ जाएंगे. व्यवहार में भी लोग इनकम टैक्स भरने के लिए भी साइबर कैफे का ही सहारा लेते हैं, समझने की मशक्कत कौन करें. सरकार इस कानून की भाषा को सरल बनाकर इन भ्रांतियों को दूर करना चाहती है, और देश के लोगों को टैक्स मामलों में और स्मार्ट बनाने का प्रयास है.
New Income Tax Bill में सरकार का फोकस डायरेक्ट टैक्स को सिंपल बनाना है, यानि लोगों के समझ में आए. दूसरा कि डायरेक्ट टैक्स का चलन, गेमिंग और बेटिंग एप के बढ़ने से काफी बढ़ गई है, इन एप्स के जरिए कमाई करने पर लोगों को जीते हुए पैसों पर लोगों टीडीएस यानि की डायरेक्ट टैक्स देना होता है.
पिछले टैक्स मामलों की प्रक्रिया अदालती मुकदमों तक चली जाती है, भले टैक्स रिबेट की राशि बेहद कम हो और यह प्रक्रिया लोगों और सरकार दोनों के लिए बेहद जटिल होती थी.
वर्तमान आयकर अधिनियम 1961 में 23 चैप्टर हैं. इसमें तकरीबन 298 सेक्शन है, जो विभिन्न तरह के टैक्स को डिफाइन करते हैं. नए इनकम टैक्स कानून इसके संभवत: आधा होने की संभावना है. कुछ टैक्स जैसे संपत्ति कर (Wealth Tax) को समाप्त किया गया है.