सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह 2006 के निठारी सिलसिलेवार हत्याकांड मामले में सुरेन्द्र कोली को बरी किये जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर तीन अप्रैल को सुनवाई करेगा. शीर्ष अदालत ने कोली को बरी करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के 16 अक्टूबर, 2023 के फैसले को चुनौती वाली केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और उत्तर प्रदेश सरकार एवं अन्य की याचिकाओं पर गौर करने को लेकर पिछले साल सहमति जताई थी.
सुप्रीम कोर्ट में ये सभी याचिकाएं मंगलवार को जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थीं. मामले में पेश एक वकील ने पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया और अनुरोध किया कि याचिकाओं पर अगले सप्ताह सुनवाई की जाए. वकील ने इसे एक ‘असाधारण मामला’ बताते हुए कहा कि निठारी में करीब दो साल से बच्चे लापता हो रहे थे और बाद में पुलिस को कई कंकाल मिले. वकील ने कहा कि कोली को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था और करीब 60 दिनों तक पुलिस हिरासत में रखा गया था.
पीठ ने मामले की अगली सुनवाई तीन अप्रैल को निर्धारित करते हुए कहा, ‘‘हम अनुमति देंगे और किसी बृहस्पतिवार को इस पर सुनवाई होगी.’’ कोली के वकील ने पहले सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसके खिलाफ सबूत एक इकबालिया बयान है, जो मामले में उसकी पुलिस हिरासत के कई दिनों बाद दर्ज किया गया था.
शीर्ष न्यायालय में एक याचिका पीड़ितों में से एक के पिता ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए दायर की है. कोली को 28 सितंबर 2010 को एक निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी. मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके घरेलू सहायक कोली पर उत्तर प्रदेश के निठारी में पड़ोस के व्यक्तियों के साथ बलात्कार और हत्या का आरोप था. पीड़ितों में अधिकतर बच्चे थे। उच्च न्यायालय ने कोली को मृत्युदंड मामले में बरी कर दिया और कहा कि अभियोजन पक्ष उसके दोष को ‘उचित संदेह से परे’ साबित करने में विफल रहा और इसे लापरवाही से की गई’ जांच करार दिया. हाई कोर्ट ने कोली को 12 मामलों में और पंधेर को दो मामलों में दी गई फांसी की सजा को पलट दिया था.
(खबर पीटीआई इनपुट से है)