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बीजेपी नेता Vijay Shah के खिलाफ दर्ज होगी एफआईआर, Col. Sofiya Qureshi के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने के मामले में SC ने हस्तक्षेप करने से किया इंकार

कर्नल सोफिया कुरैसी को लेकर विवादित बयान देने के मामले में मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह को राहत देने से इंकार करते हुए सीजेआई बीआर गवई ने कहा कि ऐसे संजीदा वक्त में ऐसे मंत्री पद पर बैठे व्यक्ति को सोच समझकर बयान देना चाहिए.

Col Sofiya Qureshi, BJP MP vijay Shah

Written by Satyam Kumar |Published : May 15, 2025 11:32 AM IST

कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह की आपत्तिजनक टिप्पणी पर चीफ जस्टिस ने नाराजगी जाहिर की. चीफ जस्टिस ने कहा कि ऐसे संजीदा वक्त में ऐसे जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति को सोच समझकर बयान देना चाहिए. हालांकि सुप्रीम कोर्ट विजयशाह की याचिका पर कल सुनवाई के लिए सहमत हुआ. विजयशाह ने  मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के FIR दर्ज करने के फैसले पर रोक की मांग की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने FIR पर रोक लगाने से इंकार किया.

ऑपरेशन सिंदूर से चर्चा में आई कर्नल सोफिया कुरैशी

कर्नल सोफिया कुरैशी हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन 'सिंदूर' के दौरान मीडिया को जानकारी देने का कार्य कर रही थीं. उनके साथ विंग कमांडर व्योमिका सिंह भी थीं. इसी दौरान में वे चर्चा में आई थी. इस कांफ्रेंस के बाद वे काफी चर्चा में आए. वहीं, सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह यह कहते हुए सुने जा रहे हैं कि जिन्होंने हमारी बेटियों के सिंदूर उजाड़े थे, उन्हीं लोगों को उन्हीं की बहन भेजकर उनकी ऐसी-तैसी करवाई. उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिन्दुओं को मारा और पीएम मोदी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी-तैसी करने के लिए उनके घर भेजा. हालांकि विजय शाह ने पूरे वीडियो में किसी का नाम नहीं लिया है. मामला तूल पकड़ते देख भाजपा ने मंत्री को तलब किया था, जिसके बाद मंत्री ने माफी भी मांगी है.

HC ने लिया स्वत: संज्ञान

मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री व बीजेपी नेता विजय शाह ने 14 मई 2025 को महू के अंबेडकर नगर के रायकुंडा गांव में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान ये टिप्पणियां की थी. यह घटना कई समाचार पत्रों और डिजिटल मीडिया पर प्रकाशित हुई, जिसके बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए FIR करने के आदेश दिए. अदालत ने माना कि भले ही मंत्री ने अपने बयान में नाम नहीं लिया हो लेकिन यह टिप्पणी स्पष्ट रूप से कर्नल कुरैशी की ओर इशारा करती है, और ऐसे में यह न केवल व्यक्तिगत अपमान है, बल्कि यह भारतीय सेना की छवि को भी धूमिल करती है.

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हाई कोर्ट ने कहा,

मंत्री विजय शाह ने जिस भाषा का प्रयोग किया, वह न केवल अपमानजनक थी, बल्कि यह भारतीय सेना की गरिमा को भी ठेस पहुंचाने वाली थी. भारतीय सेना देश की एकमात्र ऐसी संस्था है जोIntegrity, Discipline, और Sacrifice का प्रतीक मानी जाती है. ऐसे में, इस तरह की टिप्पणियां न केवल एक अधिकारी के लिए, बल्कि पूरी सेना के लिए अपमानजनक हैं.

इस मामले को संज्ञान में लेते हुए, हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया था कि वे तुरंत मंत्री विजय शाह के खिलाफ FIR दर्ज करें. बीते दिन ही इस मामले की सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि शाम तक FIR दर्ज नहीं की जाती है, तो पुलिस महानिदेशक के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के इसी फैसले को मंत्री विजय शाह ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया.