Advertisement

पत्रकारों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को जारी किया नोटिस, लेकिन गिरफ्तारी से राहत नहीं दी!

मध्य प्रदेश के दो पत्रकारों द्वारा पुलिस द्वारा कथित पिटाई और जान से मारने की धमकी के आरोपों से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया.

सुप्रीम कोर्ट

Written by Satyam Kumar |Published : June 4, 2025 3:58 PM IST

सुप्रीम कोर्ट के मध्यप्रदेश कर दो पत्रकारों की अर्जी पर नोटिस जारी किया है पत्रकारों ने पुलिस पर थाने में पिटाई करने का आरोप लगाते हुए अपनी सुरक्षा व संभावित खतरे का अंदेशा जताते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस संजय करोल ने कहा कि मान लीजिए अगर आपने मर्डर को अंजाम दिया है तो क्या हम आपको गिरफ्तारी से संरक्षण दे देंगे. हमे ये देखना होगा कि पुलिस ने आप पर क्या आरोप लगाए है.

जस्टिस संजय करोल और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने पत्रकार शशिकांत गोयल और अमरकांत सिंह चौहान द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस रवैये पर भी सवाल उठाया कि पत्रकारों ने पहले दिल्ली HC का रुख किया था लेकिन इसकी जानकारी SC को नहीं दी. याचिकाकर्ता का पक्ष रख रहे वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली हाई कोर्ट का इस मसले पर सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं बनता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम मानते है कि आप लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का प्रतिनिधित्व करते हैं पर आपको हमे आश्वस्त करना होगा कि आपने मध्यप्रदेश HC का रुख क्यों नहीं किया? एडवोकेट ने पत्रकारों के खिलाफ शिकायत और प्रेस क्लब की रिलीज का हवाला देते हुए कहा कि आप देखिए कैसे उन्हें टारगेट किया जा रहा हैं!

जस्टिस करोल ने कहा कि आपने SP असित यादव पर आरोप लगाया लेकिन उन्हें याचिका में पक्षकार नहीं बनाया. किसी आईपीएस अफसर पर ऐसे आरोप लगाना आसान है! हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकारों अर्जी पर नोटिस जारी किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम नोटिस जारी कर रहे है. सोमवार को सुनवाई करेंगे. इस दरम्यान गिरफ्तारी से राहत का कोई आदेश देने से कोर्ट ने इंकार किया. वकील ने कहा कि हम पुलिस को बताएंगे कि मामला कोर्ट में लंबित है. कोर्ट ने नोटिस जारी किया है, इसलिए अभी कोई गिरफ्तारी जैसा कदम न उठाए.

Also Read

More News

बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने 28 मई को चौहान को सुरक्षा प्रदान की थी. जब उन्होंने हाई कोर्ट के सामने दावा किया कि भिंड के पुलिस अधीक्षक से उनकी जान को खतरा है. हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को मध्य प्रदेश निवासी और ‘स्वराज एक्सप्रेस’ समाचार चैनल के भिंड ब्यूरो प्रमुख चौहान को दो महीने तक सुरक्षा देने का निर्देश दिया था. पिछले महीने भिंड जिले के तीन पत्रकारों ने आरोप लगाया था कि पुलिस अधीक्षक के कार्यालय के अंदर उनके साथ मारपीट की गई या उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया, हालांकि पुलिस अधिकारी ने इस आरोप से इनकार किया था. यूट्यूब चैनल चलाने वाले प्रीतम सिंह राजावत, समाचार पोर्टल चलाने वाले गोयल और एक समाचार चैनल के लिए काम करने वाले चौहान ने जिला कलेक्टर को सौंपी शिकायत में आरोप लगाया कि एक मई को उनके साथ मारपीट की गई.

(खबर एजेंसी इनपुट से भी लिखी गई है)