सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को स्पष्ट किया कि केंद्र को अल्पकालिक सेवा आयोग (शॉर्ट सर्विस कमीशन) की महिला सैन्य अधिकारियों को छह अगस्त की अगली सुनवाई तक सेवा मुक्त नहीं करने का अंतरिम निर्देश उन सभी अधिकारियों पर लागू होगा, जिन्होंने स्थायी कमीशन दिए जाने से इनकार को शीर्ष अदालत, उच्च न्यायालयों और सशस्त्र बल न्यायाधिकरण में चुनौती दी है.
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि मामले में सुनवाई स्थगित नहीं की जाएगी. सभी मामलों को अंतिम सुनवाई के लिए एक साथ रखते हुए पीठ ने पहले कहा था कि वह छह और सात अगस्त को सबसे पहले सेना के मामलों की सुनवाई करेगी, उसके बाद नौसेना, वायु सेना और तटरक्षक बल के मामलों की सुनवाई क्रमशः होगी.
केंद्र ने नौ मई के उस आदेश पर स्पष्टीकरण के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया, जिसमें उसने सरकार को छह अगस्त तक उन 69 अधिकारियों को सेवा से मुक्त करने से रोक दिया था, जिन्होंने स्थायी कमीशन दिए जाने से इनकार को शीर्ष अदालत के समक्ष चुनौती दी थी. केंद्र ने दलील दी कि ऐसे अन्य अधिकारी भी हैं जिन्होंने विभिन्न न्यायालयों का रुख किया है और नौ मई का राहत आदेश कुछ समस्याएं पैदा कर सकता है.
पीठ ने कहा कि अंतरिम संरक्षण उन सभी अधिकारियों पर लागू होगा जिनके मामले उच्चतम न्यायालय में लंबित हैं. पीठ ने कहा कि यह संरक्षण उन अधिकारियों को भी मिलेगा, जिनके मामले सशस्त्र बल न्यायाधिकरण या उच्च न्यायालयों के समक्ष विचाराधीन हैं.