Advertisement

Waqf Act 1995 को चुनौती देनेवाली याचिकाओं पर Supreme Court सुनवाई को तैयार, जानें क्या है ये नया मामला

सुप्रीम कोर्ट ने 2025 के वक्फ संशोधन अधिनियम पर पहले से ही सुनवाई चल रही होने के कारण, 1995 के वक्फ एक्ट को चुनौती देने वाली नई याचिका को पहले से लंबित समान मामलों के साथ जोड़ने का निर्णय लिया है.

Supreme Court

Written by Satyam Kumar |Published : May 28, 2025 10:42 AM IST

वक्फ एक्ट 1995 के विभिन्न प्रावधानों को रद्द करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया। कोर्ट ने कहा कि हम वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 पर सुनवाई कर आदेश सुरक्षित रख है और आप 1995 के कानून को अब चुनौती दे रहे है. देरी के आधार पर ही यह अर्जी ख़ारिज हो जानी चाहिए. बहरहाल वकील अश्विनी उपाध्याय के अनुरोध पर कोर्ट ने कहा कि इस नई अर्जी को वक़्फ क़ानून को लेकर पहले से पेंडिंग केस में Intervention application( हस्तक्षेप याचिका) के तौर पर सुना जाएगा.

मामला एक बार फिर सुनवाई पर आया. ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि वक़्फ संशोधन अधिनियम 2025 को लेकर जो केस पेंडिंग है, उसके साथ यह याचिका नहीं जोड़ी जानी चाहिए. हरिशंकर जैन और पारुल खेड़ा ने जो 1995 के वक्फ एक्ट को चुनौती दी है, उसके साथ इस याचिका को जोड़ा जा सकता है. कोर्ट ने साफ किया कि 1995 के वक्फ एक्ट को चुनौती देने वाली जो याचिकाएं पेंडिंग है, उनके साथ ही इस अर्जी पर सुनवाई होगी ना कि वक़्फ़ संशोधन अधिनियम को चुनौती वाली अर्जियों के साथ. कोर्ट ने 1995 के वक़्फ़ क़ानून को चुनौती देने वाली नई याचिका पर केंद्र और राज्यो को नोटिस जारी किया

वक्फ एक्ट 1995 के विभिन्न प्रावधानों को असंवैधानिक बताते हुए रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और सभी राज्यों को नोटिस जारी किया. निखिल उपाध्याय की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि वक्फ एक्ट में संशोधन के बावजूद कानून के विभिन्न प्रावधान असंवैधानिक है और मुस्लिम समुदाय को सरकारी और ग़ैर मुस्लिमो की संपत्ति को हथियाने का अधिकार देते है. याचिका में कहा गया है कि वक्फ एक्ट अगर जारी भी रहता है कि यह कानून गैर मुस्लिमों पर नहीं लागू होना चाहिए. कोर्ट आगे इस याचिका पर 1995 के वक़्फ़ क़ानून को चुनौती देने वाली पहले से लंबित हरिशंकर जैन और पारुल खेड़ा की याचिकाओं के साथ सुनवाई करेगा.

Also Read

More News