सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मद्रास हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें नौकरी के बदले नकदी घोटाला मामले में तमिलनाडु के पूर्व मंत्री और अन्नाद्रमुक नेता टी. राजेंद्र बालाजी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच का निर्देश दिया गया था.
जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ तमिलनाडु सरकार द्वारा दायर याचिका सहित दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया. हाई कोर्ट ने छह जनवरी को इस मामले में सीबीआई जांच का आदेश देते हुए कहा था कि राज्य सरकार ने इस मामले में आरोपपत्र दाखिल करने के उसके पहले के निर्देश का पालन नहीं किया है.
शीर्ष अदालत ने तमिलनाडु सरकार को दो सप्ताह के भीतर राज्यपाल सचिवालय को अनुवादित दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा और राज्यपाल कार्यालय को लंबित मंजूरी पर शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश दिया। इस बीच, पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी और सीबीआई को आगे जांच करने से रोक दिया। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अमित आनंद तिवारी ने कहा कि राज्य पुलिस ने उच्च न्यायालय की टिप्पणी के विपरीत आरोपपत्र दाखिल किया है.