बिहार में ड्राफ्ट वोटर लिस्ट को लेकर उठ रहे सवालों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने अहम आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा है कि वो ड्राफ्ट लिस्ट में शामिल न किए गए लोगों के नाम अपनी वेबसाइट पर डाले. सुप्रीम कोर्ट ने जिला निर्वाचन अधिकारी और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को यह लिस्ट अपनी वेबसाइट पर डालने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आयोग वेबसाइट पर लोगों के नाम के साथ उन कारण का भी उल्लेख करें कि उनके नाम क्यों नहीं शामिल किए गए है, आयोग बकायदा दर्ज करें कि क्या उन्हें मृत मानने, डबल रजिस्ट्रेशन या दूसरी जगह शिफ्ट होने की वजह से नाम हटाए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने वेबसाईट के साथ साथ सभी पंचायत भवनों और खंड विकास और पंचायत कार्यालयों के नोटिस बोर्ड पर उन 65 लाख मतदाताओं की सूची प्रदर्शित करने का आदेश दिया है ताकि जिन लोगों की इंटरनेट तक पहुंच नहीं है, वो ख़ुद वहाँ जाकर लिस्ट देख सके.
सुप्रीम कोर्ट ने चुनावआयोग से कहा है कि वो इस सूचना का ज्यादा से ज्यादा प्रचार अखबार, टीवी और रेडियो पर करे कि वो ऐसी लिस्ट प्रकाशित करने जा रहा है ताकि सभी को इसकी जानकारी मिल सके. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जिनका नाम लिस्ट में नहीं है वह व्यक्ति अपने आधार कार्ड की प्रति के साथ अपना दावा प्रस्तुत कर सकते हैं। आयोग इस बात की जानकारी भी पब्लिक नोटिस में दे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है लिस्ट में नाम इस तरह से डाले जाने चाहिए ताकि कोई भी मतदाता EPIC नंबर से सर्च कर सके.
सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग की ओर से पेश वकील राकेश द्विवेदी ने कहा कि ड्राफ्ट लिस्ट में शामिल न किए गए लोगों की बूथवार लिस्ट पहले ही सभी राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट के साथ साझा की गई है. इस पर कोर्ट ने सवाल उठाया कि मतदाता अपना स्टेटस जानने के लिए राजनीतिक दलों पर निर्भर क्यों रहे. क्या हम ऐसी व्यवस्था नहीं बना सकते कि लोगो को राजनीतिक दलों के पीछे न भागना पड़े.
राकेश द्विवेदी ने कहा कि वोटर मतदाता पहचान पत्र के नंबर से खुद वेबसाइट पर जाकर अपना स्टेटस देख सकते है. इस पर बेंच ने सुझाव दिया कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से बाहर किए लोगों की लिस्ट अगर आप जारी करते है तो यह पारदर्शिता को बढ़ावा देगा. यह न केवल लोगों के बीच चुनाव आयोग को लेकर भरोसे को जगाएगा बल्कि यह उन वाजिब मतदाताओं को भी लिस्ट में अपना नाम शामिल करने का मौका देगा जिनके नाम किसी वजह से ड्राफ्ट लिस्ट में शामिल होने से छूट गए.