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Waqf Act पर लगातार दायर हो रही याचिकाओं से Supreme Court हुआ नाराज, जमकर लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली दो नई याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार किया है.

Written by Satyam Kumar |Published : May 16, 2025 4:02 PM IST

आज सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को चुनौती देते हुए दो नई याचिकाएं दायर की गई. पिछले सप्ताह भी कुछ नई याचिकाएं दाखिल की गई थी, सुप्रीम कोर्ट ने उस पर भी विचार करने से इंकार किया था. असल में वक्फ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि वे केवल पांच ही याचिकाओं पर विचार करेगी. इसके बावजूद लगातार, हर सप्ताह याचिकाएं आती जा रही है. आज सुप्रीम कोर्ट ने ट्रेंड से नाराजगी जताते हुए कहा कि हर कोई अपना नाम अखबार में छपवाने की चाह रखता है.

हर कोई अखबार में नाम चाहता है: SC

चीफ जस्टिस बीआर गवाई और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसिह की पीठ ने कहा कि वे पहले से लंबित मामले पर निर्णय लेंगे, जो 20 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है. कोर्ट ने कहा कि हर कोई अपने नाम को समाचार पत्रों में देखना चाहता है.

सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अंतरिम राहत के बिंदु पर सुनवाई करने की बात कही. जैसे ही एक याचिका सुनवाई के लिए आई, केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं का 'अंतहीन' फाइलिंग नहीं हो सकती.

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जब वकील ने पीठ से अनुरोध किया कि उनकी याचिका लंबित याचिकाओं के साथ टैग की जाए, तो पीठ ने कहा कि हम पहले उन मामले पर सुनवाई करेंगे. उक्त निर्देशों के साथ याचिका को खारिज कर दिया गया. इसके बाद तुरंत ही एक और समान याचिका सुनवाई के लिए आई, तो पीठ ने फिर से कहा कि खारिज किया गया.

तीन बिंदुओं पर होगी सुनवाई

अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाएं 15 मई को चीफ जस्टिस और जस्टिस मसीह की पीठ के समक्ष आईं तो पीठ ने कहा कि वह 20 मई को तीन मुद्दों पर अंतरिम निर्देश देने के लिए तर्क सुनेंगे. ये मुद्दे हैं: अदालतों द्वारा वक्फ घोषित संपत्तियों को डेनोटिफाई करने की शक्ति, वक्फ-बाय-यूजर या वक्फ बाय डीड से संबंधित है. याचिकाकर्ताओं ने राज्य वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद की संरचना पर सवाल उठाया है, जिसमें उन्होंने तर्क दिया है कि पद-संबंधी सदस्यों को छोड़कर केवल मुसलमान ही इसमें काम कर सकते हैं. वे वक्फ संपत्तियों को वक्फ से हटाने के अधिकार और एक ऐसे प्रावधान पर भी आपत्ति जता रहे हैं जिसमें कहा गया है कि यदि कलेक्टर जांच करके यह पता लगाता है कि संपत्ति सरकारी भूमि है, तो उसे वक्फ संपत्ति नहीं माना जाएगा.

17 अप्रैल को, केंद्र ने सर्वोच्च न्यायालय को आश्वासन दिया कि वह वक्फ संपत्तियों को डेनोटिफाई नहीं करेगा, जिसमें वक्फ बाय यूजर भी शामिल है. 15 मई को मेहता ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि किसी भी मामले में, केंद्र का यह आश्वासन है कि कोई भी वक्फ संपत्ति, जिसमें वक्फ बाय यूजर द्वारा स्थापित संपत्तियां शामिल हैं, डेनोटिफाई नहीं की जाएंगी. केंद्र ने सर्वोच्च न्यायालय के प्रस्ताव का विरोध किया कि वक्फ संपत्तियों के डेनोटिफिकेशन के खिलाफ अंतरिम आदेश पारित किया जाए. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट अब 20 मई को इन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी.

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Waqf Act 2025