चीफ जस्टिस बीआर गवई ने कहा है कि 18 मई को उनकी मुंबई यात्रा के दौरान प्रोटोकॉल चूक के मामूली मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश नहीं किया जाना चाहिए और मामले को विराम दिया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट की ओर से मंगलवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि सभी संबंधित व्यक्तियों ने खेद व्यक्त किया है.
चीफ जस्टिस(सीजेआई) ने चौदह मई को शीर्ष पद पर पदोन्नत होने के बाद महाराष्ट्र की अपनी पहली यात्रा के दौरान उनकी अगवानी करने के लिए राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक या शहर के पुलिस आयुक्त की अनुपस्थिति पर ऐतराज जताया था.
जारी विज्ञप्ति के अनुासार,
"चीफ जस्टिस की महाराष्ट्र यात्रा के दौरान प्रोटोकॉल संबंधी मुद्दों के बारे में मीडिया में खबरें प्रकाशित हो रही हैं. सभी संबंधित व्यक्तियों ने पहले ही खेद व्यक्त कर दिया है."
चीफ जस्टिस ने कहा है कि एक मामूली मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश नहीं किया जाना जाना चाहिए. सीजेआई ने सभी से अनुरोध किया है कि इस मामले को विराम दिया जाए. चीफ जस्टिस पद की शपथ लेने के बाद जस्टिस गवई महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में भाग लेने मुंबई गए थे.
टिप्पणियां सार्वजनिक होने के कुछ घंटों बाद, तीनों शीर्ष अधिकारी मुंबई के दादर में डॉबी आर आंबेडकर के महापरिनिर्वाण स्थल चैत्यभूमि में मौजूद थे, जब प्रधान न्यायाधीश संविधान निर्माता को वहां श्रद्धांजलि देने गए थे.