Advertisement

'क्रिकेट के भगवान' से लेकर तमाम खिलाड़ी कर रहे ऑनलाइन सट्टेबाजी का प्रचार... बेटिंग एप को बैन करने मांग पर SC ने सरकार से मांगा जवाब

बेटिंग एप पर बैन लगाने को लेकर दाखिल याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से जबाव मांगा है. इस याचिका में दावा किया गया कि तेलंगाना में अकेले 1023 लोगों ने सट्टेबाजी की लत के चलते आत्महत्या की है, वहीं देश भर में करीब 30 करोड़ लोग इसके शिकार हैं.

Betting App, Supreme Court

Written by Satyam Kumar |Published : May 23, 2025 1:35 PM IST

आज ऑनलाइन सट्टेबाजी पर बैन की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए सहमत हो गया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए इस मांग पर अपना जबाव देने को कहा है. सट्टेबाजी एप पर रोक लगाने की मांग याचिका में दावा किया गया है कि ये ऐप जुए के समान है. इनकी लत की वजह से लाखों युवाओं की ज़िंदगी बर्बाद हो रही है, जिसका खामियाजा उनके अभिभावकों को झेलना पड़ रहा है.

अकेले तेलंगाना में हजार से ज्यादा खुदकुशी

मामला जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन के सिंह की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने लगा. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के ए पॉल ख़ुद कोर्ट के पेश हुए. उन्होंने दलील दी कि ऑनलाइन सट्टेबाजी लोगों की जिस तरह ज़िंदगी तबाह कर रही हैं, यह आर्टिकल 21 कर तहत जीवन के अधिकार का साफ उल्लंघन है. अकेले तेलंगाना में सट्टेबाजी एप की लत के चलते 1023 लोगों ने आत्महत्या कर ली है, पॉल ने दावा किया कि देश मे करीब तीस करोड़ लोग इसके जाल में फंसे है. बॉलीवुड और टॉलीवुड से जुड़े 25 एक्टर इसको प्रमोट कर लोगों की जिंदगी से खेल रहे है. क्रिकेट के भगवान' कहे जाने वाले से लेकर तमाम खिलाड़ी इसका प्रचार कर रहे है. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि वो ऐसा इसलिए कर पा रहे है क्योंकि वो भी जानते है कि आईपीएल देखने के नाम पर हजारों लोग सट्टेबाजी कर रहे है.

सिर्फ कानून बनाना समाधान नहीं: SC

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि यह मामला पहले भी कोर्ट आता रहा है. हम भी आपकी इस बात से सहमत है कि यह बंद होना चाहिए, लेकिन सिर्फ क़ानून बनाना इसका समाधान नहीं है. लोग अपनी मर्ज़ी से सट्टेबाजी कर रहे है. उन्हें क़ानून के ज़रिए नहीं रोका जा सकता. जैसे मर्डर के लिए क़ानून है,पर इसके चलते हम मर्डर को नहीं रोक सकते. बहरहाल कोर्ट ने कहा कि हम अभी केन्द्र सरकार को जवाब देने को लेकर नोटिस जारी कर रहे है. आगे ज़रूरत पड़ी तो राज्यों से भी जवाब मांगा जाएगा.

Also Read

More News

बता दें कि  ईसाई धर्म प्रचारक के ए पॉल की याचिका में कहा गया था कि ये ऑनलाइन बेटिंग ऐप जुए के समान है. इनकी लत की वजह से लाखों युवाओं की ज़िंदगी बर्बाद हो गई है. उसका खामियाजा उनके घरवालों को झेलना पड़ रहा है. 'क्रिकेट के भगवान' कहे जाने वाले खिलाड़ी से लेकर तमाम सेलिब्रिटी खिलाड़ी इसका प्रचार कर रहे है.