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पूजा खेडकर को Supreme Court से मिली अग्रिम जमानत, लेकिन विरोध करने पर पुलिस से पूछा सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व आईएएस पूजा खेडकर को अग्रिम जमानत देते हुए कहा कि इस मामले में उन्होंने अपना सबकुछ खो दिया है. उन्हें कही नौकरी भी नहीं मिलेगी.

Supreme court, Pooja Khedkar

Written by Satyam Kumar |Published : May 21, 2025 4:32 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की पूर्व प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर को अग्रिम जमानत दे दी. पूजा खेडकर पर सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी करने और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) तथा दिव्यांगता श्रेणी के तहत आरक्षण का गलत लाभ उठाने का आरोप है.

जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने खेडकर को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया. सुनवाई के दौरान मौजूद दिल्ली पुलिस ने उनकी जमानत का विरोध किया. इससे पीठ ने आपत्ति जताई.

पीठ ने पूछा,

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‘‘उन्होंने कौन सा गंभीर अपराध किया है? वह मादक पदार्थ माफिया या आतंकवादी नहीं है. उन्होंने 302 (हत्या) नहीं की है. वह एनडीपीएस (मादक पदार्थ निषेध से संबंधित कानून) अपराधी नहीं है. आपके पास कोई प्रणाली या सॉफ्टवेयर होना चाहिए. आप जांच पूरी करें. उन्होंने सब कुछ खो दिया है और उन्हें कहीं नौकरी नहीं मिलेगी.’’

पीठ ने कहा,

‘‘मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह एक उपयुक्त मामला है जहां दिल्ली हाई कोर्ट को याचिकाकर्ता को जमानत देनी चाहिए.’’

दिल्ली पुलिस के वकील ने खेडकर को अग्रिम जमानत दिए जाने का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रही हैं और उनके खिलाफ आरोप गंभीर हैं. खेडकर पर आरक्षण का लाभ प्राप्त करने के लिए 2022 में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा के लिए अपने आवेदन में गलत जानकारी देने का आरोप है. उन्होंने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों का खंडन किया है.

बता दें कि पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने पूजा खेडकर को अग्रिम जमानत देने से इंकार किया था. अदालत में हुए बहस के दौरान पूजा ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि वह जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं. उनके वकील ने यह तर्क दिया कि सभी सामग्री दस्तावेजी है, इसलिए उनकी हिरासत की आवश्यकता नहीं है. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने कहा कि उनकी हिरासत आवश्यक है ताकि अन्य लोगों की संलिप्तता का पता लगाया जा सके.

यूपीएससी ने पूजा के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपनी पहचान छुपाकर सिविल सेवाओं की परीक्षा में प्रयास किए। यूपीएससी ने कहा कि यह धोखाधड़ी समाज और एक संवैधानिक निकाय के खिलाफ की गई है.

खेडकर पर आरक्षण लाभ पाने के लिए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के लिए अपने आवेदन में गलत जानकारी देने का आरोप है. बता दें कि UPSC ने पहले ही उन्हें ट्रेनी आईएएस के तौर पर बर्खास्त कर दिया है.