वक्फ संशोधन अधिनियम के दौरान पश्चिम बंगाल मे हुई हिंसा की SIT/CBI से जांच कराने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इंकार किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मसले पर सीधे सुप्रीम कोर्ट जाने की ज़रूरत नहीं है। हाई कोर्ट भी सुनवाई कर उचित आदेश पास करने में समर्थ है. कोर्ट ने सुनवाई से इंकार करते हुए याचिकाकर्ता से कहा कि वो हाई कोर्ट में याचिका दायर करें। हाईकोर्ट के सामने सुनवाई में ऑनलाइन पेश हो सकते है.
जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह और जस्टिस सूर्य कांत की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की. बेंच ने याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट जाने के निर्देश दिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट एक राज्य के भीतर सुप्रीम कोर्ट से ज्यादा शक्तियां रखता है, इसलिए आपको हाई कोर्ट जाने की जरूरत है. वहीं अगर ये मामला दो राज्यों का होता तो सुप्रीम कोर्ट इस पर सीधे विचार कर सकती थी. लेकिन इन परिस्थितियों में हाई कोर्ट ही सक्षम फैसला सुनाने में समर्थ है.
सुप्रीम कोर्ट सीधे शीर्ष अदालत चले आने के ट्रेंड से भी नाराजगी जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब आपके दूसरे कारगार उपाय मौजूद है, तो ऐसे में सीधे सुप्रीम कोर्ट चले आने के ट्रेंड थोड़ा गंभीर है, इसे रोकने की जरूरत है.
नए वक्फ कानून के खिलाफ हुई पंश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हिंसा भड़क उठी, जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई. यह हिंसा मुस्लिम समुदाय द्वारा वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भड़की थी. अब तक, मुर्शिदाबाद हिंसा के संबंध में 150 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, और समसेरगंज, धुलियान और मुर्शिदाबाद के अन्य प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है.
हिंसा के बाद, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मुर्शिदाबाद में लगभग नौ कंपनियों, यानी कम से कम 900 सीमा सुरक्षा बल (BSF) कर्मियों को तैनात किया. इनमें से 300 BSF कर्मी स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हैं, और राज्य सरकार की मांग पर अतिरिक्त कंपनियों को भेजा गया था.