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सोनम वांगचुक की बिना शर्त रिहाई की मांग को लेकर गीतांजलि आंगमो पहुंची सुप्रीम कोर्ट, याचिका पर सुनवाई को लेकर सोमवार को होगी तस्वीर साफ

लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए प्रदर्शनों के बाद रासुका (NSA) के तहत गिरफ्तार किए गए सोनम वांगचुक की रिहाई के लिए उनकी पत्नी गीतांजलि अंगमो ने सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉर्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण) याचिका दायर की है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि गिरफ्तारी के आधार की प्रति अभी तक नहीं दी गई है और उनकी हिरासत गैरकानूनी है.

Sonam Wangchuck and his wife Geetanjali Angmo

Written by Satyam Kumar |Published : October 3, 2025 2:55 PM IST

लद्दाख के पर्यावरण एक्टिविस्ट नेता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. सोनम वांगचुक की रिहाई की मांग करते हुए उनकी पत्नी गीतांजलि अंगमो ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सोनम वांगचुक को लद्दाख में प्रदर्शनों के दो दिन बाद 26 सितंबर को कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत हिरासत में लिया गया था. लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर उस केंद्र शासित प्रदेश में हुए विरोध प्रदर्शनों में चार लोगों की मौत हो गई थी और 90 लोग घायल हो गए थे. वांगचुक राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद हैं, जिसके बाद सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने पति की गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की.

सोनम की पत्नी ने हैबियस कॉर्पस (बंदी प्रत्यक्षी) याचिका दाखिल कर तत्काल रिहाई की मांग की.  उम्मीद जता ⁠सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से मामले में जल्द सुनवाई की मांग की जा सकती है. इससे पहले, बुधवार को गीतांजलि अंगमो ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक भावुक पत्र लिखा और पति की रिहाई की मांग की. आंगमो ने वकील सर्वम रीतम खरे के माध्यम से दायर अपनी याचिका में वांगचुक की हिरासत को चुनौती दी है और उनकी तत्काल रिहाई का अनुरोध किया है. याचिका में वांगचुक पर रासुका लगाने के फैसले पर भी सवाल उठाए गए हैं. आंगमो ने आरोप लगाया कि उन्हें अभी तक हिरासत आदेश की प्रति नहीं मिली है, जो नियमों का उल्लंघन है. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि उनका अभी तक वांगचुक से कोई संपर्क नहीं हो पाया है. लद्दाख प्रशासन ने वांगचुक को फंसाने या गुप चुप तरीके से कार्रवाई के दावों को खारिज कर दिया था.

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से सोनम वांगचुक की बिना शर्त रिहाई का आदेश जारी करने की अपील की. याचिका में गीताजंलि ने सोनम की गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया है. उन्होंने कहा कि एक हफ्ते बाद भी गिरफ्तारी के आधार नहीं मिले और न ही सोनम की कोई जानकारी मिल रही है. ⁠पत्र में उन्होंने लिखा कि मेरे पति को पिछले 4 साल से लोगों के हितों के लिए काम करने की वजह से बदनाम किया जा रहा है. वह कभी भी किसी के लिए खतरा नहीं बन सकते. उन्होंने कहा कि वह नहीं जानतीं कि उनके पति किस हालात में हैं.

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बता दें कि केंद्र शासित प्रदेश में 24 सितंबर को हुई हिंसा के मामले में चार लोगों की जान चली गई थी. यह हिंसा लेह में लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई. करीब 90 लोग हिंसा के दौरान घायल हुए थे. 26 सितंबर को सोनम वांगचुक को लद्दाख में हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़काने के आरोप में हिरासत में लिया गया. इसके बाद उन्हें राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल में भेजा गया. इसके अलावा, प्रशासन ने चार लोगों की मौत के मामले में मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है. हालांकि, स्थानीय लोगों ने न्यायिक जांच की मांग उठाई थी.