वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को चुनौती देनेवाली याचिकाओं को सीजेआई बीआर गवई की अगुवाई वाली पीठ ने सुना. पिछली सुनवाई में सेवानिवृत संजीव खन्ना की अगुवाई वाली पीठ केन्द्र सरकार के जबाव दाखिल करने के बाद सुनवाई करनेवाली थी, लेकिन वक्त की कमी को देखते हुए सीजेआई संजीव खन्ना ने खुद को इस मामले से अलग करते हुए मामले को मनोनीत यानि वर्तमान सीजेआई के पास भेजा दिया था. सीजेआई संजीव खन्ना ने ही मामले की सुनवाई 15 मई तय की थी. वहीं, आज सीजेआई बीआर गवई की अगुवाई वाली पीठ ने इस मामले को सुना.
सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है. सीजेआई बीआर गवई ने पूछा कि क्या अभी इस केस में अंतरिम राहत के लिए सुनवाई हो रही है! तुषार मेहता ने कहा कि अगर कोर्ट अंतरिम आदेश पर विचार करें, तो उसमे भी ज़्यादा वक्त नहीं लगेगा.
याचिकाकर्ताओ की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि हमने संक्षिप्त नोट तैयार किया है जिसे हम SG तुषार मेहता से शेयर कर सकते है. इस पर केन्द्र सरकार की ओर से मौजूद एसजी तुषार मेहता ने कहा कि वे जबाव देने के लिए तैयार है. SG तुषार मेहता आगे ने कहा कि इस मामले में बड़ी संख्या में intervention application फ़ाइल हुई है. ये कोर्ट पर निर्भर करता है कि वो सुने या नहीं, लेकिन मेरी राय में वो नहीं सुनी जानी चाहिए( यानि मुख्य याचिकाओं पर सुनवाई हो).
इस दौरान मौजूद वकील विष्णु शकंर जैन ने कहा कि हमने अपनी याचिका में यह बात रखी है कि वक़्फ़ एक्ट में बदलाव के बावजूद इसके कुछ मनमाने प्रावधान बने हुए है, हमने पहले भी उन्हें रद्द करने की मांग की थी. कोर्ट हमारी मांग पर विचार करें. चीफ जस्टिस ने कहा कि अभी हम मूल सवाल पर विचार करेंगे ( क्या वक़्फ़ क़ानून में जो बदलाव किए है वो संवैधानिक है या नहीं). इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई मंगलवार के लिए टाल दी.
वहीं मामले में अब तक सुनवाई के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को इस अधिनियम के क्रियान्वयन पर रोक लगाने के निर्देश देते हुए वक्फ बाई यूजर, गैर-मुस्लिमों को सदस्य बनाने के पहलू पर जबाव देने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने अधिनियम पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाई है, लेकिन वक्फ बोर्डों में नई नियुक्तियां न करने और 'वक्फ बाई यूजर' के तहत पंजीकृत संपत्तियों के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं. वहीं, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया है कि वह 'वक्फ बाई यूजर' से संबंधित प्रावधानों को अधिसूचित नहीं करेगा और न ही वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करेगा. अदालत ने केंद्र के सबमिशन को नोट किया और दर्ज किया कि अगली सुनवाई तक पहले से अधिसूचित या पंजीकृत वक्फ संपत्तियों, जिसमें 'उपयोग द्वारा वक्फ' भी शामिल हैं, को बदला या अधिसूचित नहीं किया जाएगा.