Advertisement

केन्द्र सरकार के जबाव के बाद, आज Waqf Act 2025 को चुनौती देनेवाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

Waqf Act 2025: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया है कि वह 'वक्फ-बाई-यूजर' से संबंधित प्रावधानों को अधिसूचित नहीं करेगा और न ही वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करेगा.

Waqf Amendment Act

Written by Satyam Kumar |Updated : May 5, 2025 8:04 AM IST

सुप्रीम कोर्ट सोमवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई होनी है. पिछली सुनवाई में  सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को इस अधिनियम के क्रियान्वयन पर रोक लगाने के निर्देश देते हुए वक्फ बाई यूजर, गैर-मुस्लिमों को सदस्य बनाने के पहलू पर जबाव देने को कहा था. केन्द्र सरकार ने जबाव भी दिया है, जिसके बाद आज सुप्रीम कोर्ट की बेंच दोबारा से इस मामले की सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को 'उपयोग द्वारा वक़्फ़' के मुद्दे पर सात दिनों के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने अधिनियम पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाई है, लेकिन वक्फ बोर्डों में नई नियुक्तियाँ न करने और 'वक्फ बाई यूजर' के तहत पंजीकृत संपत्तियों के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं. वहीं, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया है कि वह 'वक्फ बाई यूजर' से संबंधित प्रावधानों को अधिसूचित नहीं करेगा और न ही वक़्फ़ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करेगा. सरकार ने यह भी कहा है कि इस अंतरिम अवधि के दौरान कोई भी जल्दबाजी में कार्रवाई नहीं की जाएगी और अधिनियम संसद द्वारा विचार-विमर्श के बाद पारित किया गया था. अदालत ने केंद्र के सबमिशन को नोट किया और दर्ज किया कि अगली सुनवाई तक पहले से अधिसूचित या पंजीकृत वक्फ संपत्तियों, जिसमें 'उपयोग द्वारा वक्फ' भी शामिल हैं, को बदला या अधिसूचित नहीं किया जाएगा.

Waqf संवैधानिक रूप से वैध: केन्द्र

वक्फ अधिनियम की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने का अनुरोध करते हुए केंद्र ने संशोधित कानून को 'संवैधानिक रूप से वैध' अधिनियम बताया, जिसने संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 के तहत धर्म की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों के साथ पहले से मौजूद वक्फ व्यवस्था को 'औपचारिक, सामंजस्यपूर्ण और आधुनिक' बनाया है. केन्द्र सरकार ने जबाव में कहा है कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025, पारदर्शी, कुशल और समावेशी उपायों के माध्यम से भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से पारित किया गया था.

हलफनामे में यह भी कहा गया कि यह अधिनियम मुस्लिम समुदाय की आवश्यक धार्मिक प्रथाओं का सम्मान करता है, क्योंकि इसमें आस्था और पूजा के मामलों के अछूता रखा गया है, जबकि संविधान द्वारा अधिकृत वक्फ प्रबंधन के धर्मनिरपेक्ष, प्रशासनिक पहलुओं को वैध रूप से विनियमित किया गया है. साथ ही ये सुधार केवल वक्फ संस्थाओं के धर्मनिरपेक्ष और प्रशासनिक पहलुओं, जैसे संपत्ति प्रबंधन, रिकॉर्ड रखने और शासन संरचनाओं पर केंद्रित हैं, तथा इस्लामी आस्था की किसी भी आवश्यक धार्मिक प्रथाओं या सिद्धांतों पर कोई प्रभाव नहीं डालेंगे.

Also Read

More News

पांच याचिकाओं पर होगी सुनवाई: SC

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ अधिनियम, 1995 और उसके 2013 के संशोधन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर निर्देश दिया कि केवल 5 रिट याचिकाओं पर ही सुनवाई होगी, शेष याचिकाएं खारिज की जाएंगी. साथ ही इन याचिकाओं में पक्षकारों के नामों का उल्लेख नहीं किया जाएगा, बल्कि उन्हें 'वक्फ (संशोधन) अधिनियम' के रूप में संदर्भित किया जाएगा और अब से इन मामलों को 'इन रे वक्फ संशोधन अधिनियम, 1, 2, 3, 4 और 5' के रूप में पढ़ा जाएगा. 2013 के अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाकर्ताओं को विशेष रूप से 7 दिनों के भीतर अपनी प्रतिक्रिया दाखिल करने की अनुमति दी गई है. केंद्र और राज्य सरकारों तथा वक्फ बोर्ड को भी 7 दिनों के भीतर अपनी प्रतिक्रिया दाखिल करने का कहा.