Prevention of Money Laundering Act: गुरुवार (21 मार्च 2024) की देर शाम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ED ने गिरफ्तार किया. शराब नीति से जुड़े मामले में मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत कार्रवाई हुई है. प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, यानि PMLA, जिसमें पैसे की हेराफेरी से जुड़े मामले दर्ज होते हैं. आइये जानते हैं PMLA कानून क्या है? क्या प्रावधान है?
PMLA का फुल फॉर्म है- Preventiom Of Money Laundering Act. यह कानून 2002 में बनाया गया था. वहीं, 1 जुलाई 2005 को लागू किया गया था. इस कानून का प्रमुख उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग को रोकना है. इसके दायरे में बैंक, म्यूचुअल फंड और बीमा कंपनियां को भी 2012 में शामिल किया गया. इस एक्ट के अंतर्गत अपराधों की जांच की जिम्मेदारी प्रवर्तन निदेशालय के पास होती है.
PMLA में किसी भी आरोपी को जमानत आसानी से नहीं मिलती. संजय सिंह और सिसोदिया उदाहरण हैं. इसकी वजह है- इस कानून की सख्त धाराएं. इस कानून के सेक्शन 45 में जमानत के लिए दो कठोर शर्तें हैं. जैसे- आरोपी को खुद साबित करना होगा कि आरोप बेबुनियाद हैं. साथ ही अदालत को यह विश्वास हो कि आरोपी दोबारा से इन अपराधों में लिप्त नहीं होगा.
PMLA के तहत सारे अपराध संज्ञेय और गैर-जमानत का प्रावधान नहीं है. ईडी को PMLA कानून के तहत कुछ शर्तों के साथ बिना वारंट के आरोपी को गिरफ्तार करने, परिसर की तलाशी लेने का अधिकार है. इस कानून के तहत गिरफ्तार आरोपी को कोर्ट में ये साबित करना होगा कि उस पर लगे सारे आरोप बेबुनियाद हैं.
20 जुलाई 2022 को, दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने सीबीआई के पास शिकायत दर्ज कराया. कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने 17 अगस्त, 2017 के दिन केस दर्ज किया. और ईडी ने 22 अगस्त के दिन इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है. ईडी ने समन भेजा, अरविंद केजरीवाल ने नौ समन की अनदेखी की. समन प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत दिया गया था.
वहीं, ईडी ने आरोप लगाया है कि जब एक्साइड पॉलिसी 2021-2022 लाई जा रही थी, उस दौरान केजरीवाल आरोपियों के संपर्क में थे.