Copyright Infringement: हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने रिलैक्सो की ट्रेडमार्क उल्लंघन (कॉपीराइट इंफ्रिंजमेंट) को लेकर की गई याचिका खारिज की है. याचिका में फुटवियर कंपनी रिलेक्सो ने एचआरएक्स पर कॉपीराइट इंफ्रिंजमेंट का आरोप लगाया है. रिलेक्सो ने कहा कि एचआरएक्स द्वारा की जा रही एल्फाबेट X का प्रयोग कंपनी के स्पार्क्स ब्रांड के लोगो (Logo) से मेल खाता है. हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने कंपनी की दलीलों को मानने से इंकार करते हुए रिलैक्सो की याचिका खारिज कर दी है.
जस्टिस अनीश दयाल ने रिलैक्सो की निषेधाज्ञा मांग को सुना. बेंच ने इस मांग को पूरी करने से इंकार किया है. रिलैक्सो ने दावा किया था कि एचआरएक्स द्वारा प्रयोग किया जा रहा एल्फाबेट X उसके लोगो से मेल खाता है जो उसके कस्टमर्स के लिए बेहद भ्रामक है.
बेंच ने कहा,
"प्रतिवादी (एचआरएक्स) 2013 से यानी एक दशक से अधिक समय से बाजार में हैं, सुविधा का संतुलन भी उनके पक्ष में झुकता है,''
वहीं प्रतिवादी एचआरएक्स ने अदालत को बताया कि कंपनी के नाम में एचआर ऋतिक रोशन के पहले अक्षरों से लिया गया है और इसके चिह्न में एक्स का मतलब 'एक्सट्रीम' है.
कंपनी की शुरूआत में ऋतिक रौशन भी कंपनी के शेयरहोल्डर्स थे लेकिन उन्होंने अपने शेयर बेच दिए. बाद में, वह कंपनी के ब्रांड एम्बेसडर के तौर पर जुड़े रहे.
बेंच ने ये भी कहा. एल्फाबेट X का प्रयोग कई कंपनियां कर रही है. इसलिए रिलेक्सो इस पर अपना पूरा अधिकार नहीं जता सकती है.
रिलैक्सो ने कॉपीराइट इंफ्रिंजमेंट के लिए एक्सएस ब्रांड्स कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड (एचआरएक्स का मालिकाना हक रखने वाली कंपनी) और अन्य के खिलाफ ट्रेडमार्क उल्लंघन का मुकदमा दायर किया था.
रिलैक्सो ने अपने प्रतिद्वंद्वी स्नीकर्स निर्माता एचआरएक्स के प्रोडक्ट्स के साथ एक्स चिह्नों का उपयोग करने से रोक लगाने की मांग की थी.
रिलैक्सो ने दावा किया कि यह मार्क X उसका पंजीकृत लोगो है और एचआरएक्स का एक्स मार्क भ्रामक रूप से कंपनी के लोगो के समान है.
हालांकि, प्रतिवादियों (एचआरक्स) ने तर्क दिया कि रिलैक्सो का एल्फाबेट X पर कोई विशेष अधिकार नहीं है जिससे वह एचआरएक्स के लोगो पर अपना दावा नहीं कर सकती है.
रिलैक्सो ने यह मुकदमा तब दायर किया गया था जब अभिनेता ऋतिक रोशन भी एचआरएक्स में शेयरधारक थे. इसलिए, वह भी शुरू में मुकदमे का प्रतिवादी था. बाद में वह बस कंपनी के ब्रांड एम्बेसडर के तौर पर कार्यरत थे.
मौजूदा तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने रिलैक्सो की याचिका खारिज की है.