Advertisement

यूज्ड और रिफर्बिश्ड हार्ड डिस्क ड्राइव को बेचने वाली कंपनियों को जारी हुए दिशानिर्देश, दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को इन बिंदुओं में समझिए

दिल्ली हाईकोर्ट ने हार्ड डिस्क बनाने वाली कंपनी सीगेट टेक्नोलॉजी (Seagate Technology LLC) बनाम डायची इंटरनेशनल एवं अन्य (Daichi International & Ors.) मामले में दिशानिर्देश जारी किए हैं.

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि यूज्ड और रिफर्बिश्ड हार्ड डिस्क ड्राइव को बेचने वाली कंपनियां उसके ओरिजिनल मैन्यूफैक्चरर का नाम नहीं मिटाएं, साथ ही अपने नाम का जिक्र ऐसे करें जिससे ग्राहक के सामने प्रोडक्ट निर्माता को लेकर किसी तरह की दुविधा उत्पन्न नहीं हो.

Written by Satyam Kumar |Published : May 24, 2024 2:39 PM IST

Refurbished Hard Disk Drives: दिल्ली हाईकोर्ट ने मार्केट में यूज्ड और रिफर्बिश्ड हार्ड डिस्क ड्राइव को बेचने को लेकर दिशानिर्देश जारी किए हैं. अदालत ने कहा कि यूज्ड हार्ड डिस्क को बेचने वाली कंपनियां उसके ओरिजिनल मैन्यूफैक्चरर का नहीं मिटाएं, साथ ही अपने नाम का जिक्र करें जिससे ग्राहक के सामने प्रोडक्ट को लेकर किसी तरह की दुविधा उत्पन्न नहीं हो. अदालत ने हार्ड डिस्क बनाने वाली कंपनी सीगेट टेक्नोलॉजी (Seagate Technology LLC) ने डायची इंटरनेशनल एवं अन्य (Daichi International & Ors.) के खिलाफ मामले में ये दिशानिर्देश जारी किए हैं.

अदालती सुनवाई को जानने से पहले थोड़ा विवाद को जान लेते हैं. दुनिया भर में दो-तीन कंपनियां ही हार्ड डिस्क ड्राइव बनाती है, सीगेट टेक्नोलॉजी, उनमें से एक है. कंपनी अपने उत्पाद को दुनिया भर में बेचती है, तो भारत में उसका है. कंपनी ने दावा किया कि रिफर्बिश्ड और खराब हो चुके हार्ड डिस्क ड्राइव को लोकल कंपनियां में उसमें कुछ सुधार कर बेचती है. इसका सेकेंडरी मार्केट भी बहुत बड़ा है. सेकेंडरी मार्केट का मतलब,वैसा बाजार जिसमें यूज्ड समान की खरीद-बिक्री होती है. इन मार्केट में ज्यादातर वैसे कंज्यूमर होते हैं, जो नए प्रोडक्ट को अफोर्ड नहीं कर सकते हैं.

खराब समान को रिफर्बिश्ड कर बेचने वाली कंपनियां पर आरोप लगा कि वे जब दोबारा से समान को मार्केट में लाते हैं, तो ओरिजनल कंपनी के नाम को मिटा देते हैं, जिससे उसकी असली पहचान छिप जाती है.

Also Read

More News

दिल्ली हाईकोर्ट में, जस्टिस अनीश दयाल की बेंच ने सीगेट इंटरनेशनल एलएलसी की याचिका को सुना. बेंच ने दिशानिर्देशों का पालन तटस्थता से करने को कहा है. साथ ही कंपनी को अपने प्रोडक्ट के ब्रोशर, मैनुअल में शामिल करने को कहा है.

दिल्ली हाईकोर्ट के रिफर्बिश्ड प्रोडक्ट को लेकर जारी दिशानिर्देश को इन बिंदुओं में समझिए:

1.उत्पाद को बनानेवाली कंपनी का नाम:

रिफर्बिश्ड हार्ड डिस्क को बेचने वाली कंपनी, उसकी प्राइमरी कंपनी को नाम को ऐसे पेश करें, जिसके ग्राहक को समझने में आसानी हो कि ओरिजिनल कंपनी के प्रोडक्ट को अमुक कंपनी द्वारा सही करके बनाया गया है.

2. कंपनी अपने लोगो Word Mark तौर पर दर्शाए 

पैकेजिंग पर कंपनी अपने लोगो को शाब्दिक तौर पर बताएं, ना कि केवल साइन का प्रयोग करें.

3.ओरिजिनल निर्माता की ओर से कोई वारंटी नहीं

रिफर्बिश्ड समान को बेचने वाली कंपनी को बताना होगा कि इस समान पर ओरिजिनल कंपनी की ओर से कोई इस कोई वारंटी नहीं है.

4. प्रोडक्ट यूज्ड और रिफर्बिश्ड है

ग्राहक को इस बात को लेकर संदेह नहीं होना चाहिए कि वह, जो समान खरीद रहा है, वह यूज्ड और रिफर्बिश्ड है.

5. रिफर्बिश्ड प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी ने क्या वारंटी दिया है?

रिफर्बिश्ड प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी को यह बताना होगा कि प्रोडक्ट पर कितने दिनों की वारंटी दे रहा है.

6. दोबारा से बनाए गए उत्पाद का सही विवरण

कंपनी को प्रोडक्ट की सही जानकारी ग्राहक को देनी पड़ेगी.

दिल्ली हाईकोर्ट ने कंपनियों को इस दिशानिर्देश का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं.