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वर्कर्स के ब्रेक, टॉयलेट जाने पर Amazon ने लगाई थी रोक, अब NHRC ने मामले पर लिया संज्ञान

वर्कर्स के ब्रेक, टॉयलेट जाने पर Amazon ने लगाई थी रोक, अब NHRC ने मामले पर लिया संज्ञान

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने बुधवार को हरियाणा के मानेसर में अमेजन के गोदाम में श्रम कानूनों के उल्लंघन का दावा करने वाली एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है.

Written by Satyam Kumar |Published : June 20, 2024 2:07 PM IST

Amazon Warehouse at Manesar: अमेजन अंतरराष्ट्रीय संस्था है. लॉजिस्टिक और ई-कॉमर्स की दुनिया में भी अपना अधिपत्य बना रखा है. बड़ी कंपनी Amazon अपने कर्मचारियों से कैसे ट्रीट करती है, साथ ही लॉजिस्टिक में लगे कर्मचारियों से किस तरह से काम लेती है, इसका एक वाक्या सामने आया है. मानेसर में बनी अमेजन की वेयरहाउस (Amazon Manesar Warehouse) में काम करनेवाली वर्कर्स के ब्रेक, टॉयलेट जाने पर भी रोक लगा दिया. टार्गेट पूरा होने से पहले किसी कर्मचारी को ब्रेक जाने की इजाजत नहीं होगी. अमेजन के इस निर्देश पर मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने स्वत: संज्ञान लिया है. कंपनी को जवाब तलब किया है. आइये जानते हैं

आयोग ने लेबर मिनिस्ट्री के सचिव से मांगा जवाब

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने बुधवार को हरियाणा के मानेसर में अमेजन के गोदाम में श्रम कानूनों के उल्लंघन का दावा करने वाली एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है. आयोग ने कहा कि यदि समाचार रिपोर्ट सही है, तो अमेजन ने श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है. अमेजन का ये निर्णय गंभीर मानवाधिकार मुद्दों को उठाती है.

आयोग ने केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के सचिव को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.

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आयोग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में सरकार के श्रमिक-समर्थक कानूनों और नीतियों के बावजूद कथित आरोपों पर चिंता व्यक्त की.

क्या है मामला?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गोदाम में काम करने वाले 24 वर्षीय एक कर्मचारी को शपथ दिलाई गई कि वे अपनी टीम के 30 मिनट के चाय ब्रेक के समाप्त होने के बाद, 24 फीट लंबे ट्रकों से पैकेज उतारने तक शौचालय या पानी का ब्रेक नहीं लेंगे. ऐसा कर्मचारी को छह ट्रकों के लिए करने का आदेश दिया गया था.

गोदाम में काम करने वाली एक अन्य महिला कर्मचारी ने बताया कि कंपनी में शौचालय की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है.

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में श्रमिक संघों ने मानेसर और उसके आसपास के पाँच गोदामों पर कारखाना अधिनियम, 1948 के नियमों के उल्लंघन करने का आरोप लगाया है.

रिपोर्ट में आगे लिखा था कि एक कर्मचारी (जो सप्ताह में पाँच दिन लगातार दस घंटे काम करता है और प्रति माह ₹10,088 कमाता है) ने बताया कि भले ही वे 30 मिनट के लंच और चाय ब्रेक सहित बिना ब्रेक के लगातार काम करते हैं, वे प्रतिदिन चार ट्रकों से अधिक सामान नहीं उतार सकते.

गोदाम में कार्यरत के एक अन्य एक महिला कर्मचारी ने यह भी दावा किया कि वह प्रतिदिन नौ घंटे खड़ी रहती है और उसे ड्यूटी के दौरान प्रति घंटे 60 छोटे प्रोडक्ट या 40 मध्यम आकार प्रोडक्ट की जांच करनी पड़ती है. बता दें कि अमेज़न को पहले भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसी तरह के आरोपों का सामना करना पड़ा है.