अक्सर कई ग्राहक ऑनलाइन समान मंगाते हैं, उन समानों के लिए अच्छे पैसे भी देते हैं और जब बारी यूज करने की आती है, तो पता चलता है कि उन्होंने जिस ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से समान मंगाया था, वह तो नदारद निकला, एकदम बेकार. ऐसा होने पर हर किसी के मन ठगे जाने की टीस उठती है. कभी जागों ग्राहक जागो का विज्ञापन आता था, ताकि लोग इन टैक्टिस के प्रति मुखर होए, अपने वाजिब मांग के लिए कंज्यूमर फोरम में शिकायत दर्ज करें. लेकिन सरकार ने भी प्रोडक्ट स्टैंडर्ड को मेंनटेन करने के लिए एक संस्था बनाई है, जो इन हूबहू दिखने वाले क्वालिटी में दोयम दर्ज के समान को बाजार से हटा सके. भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau Of Indian Standards) कहते हैं, आजकल लगातार सुर्खियों में हैं. और ई-कॉमर्स के हूबहू दिखने वाले, बिना सर्टिफिकेशन के बेचे जा रहे उत्पादों को जब्त कर रहे हैं. खबरों की मानें तो BIS ने कई ई-कामर्स प्लेटफॉर्म (E-commerce Platforms) के खिलाफ कार्रवाई की है.
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स Amazon के हैदराबाद के एक गोदाम पर छापेमारी की और 2,783 बिना प्रमाणित उपभोक्ता उत्पाद जब्त किए. यह कार्रवाई मंगलवार को शमशाबाद के एयरपोर्ट सिटी स्थित गोदाम में की गई. सूत्रों के मुताबिक, अमेजन के दिल्ली वेयरहाउस में छापेमारी की है. BIS की यह छापेमारी लगातार 15 घंटे तक चली. जब्त किए गए उत्पादों में स्मार्टवॉच, इलेक्ट्रिक वॉटर हीटर, सीसीटीवी कैमरे, घरेलू इलेक्ट्रिक फूड मिक्सर, घरेलू प्रेशर कुकर, वायरलेस ईयरबड्स और इलेक्ट्रिक और गैर-इलेक्ट्रिक खिलौने शामिल हैं. इन उत्पादों की अनुमानित कीमत 50 लाख रुपये से अधिक है. ये सभी उत्पाद भारत सरकार द्वारा जारी गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों (QCOs) के दायरे में आते हैं, जिससे इनका BIS प्रमाणन अनिवार्य हो जाता है. दावा किया गया कि इन उत्पादों को बिना BIS मानक चिह्न के बेचा जा रहा था.
दिल्ली क्षेत्र में अमेजन पर कार्रवाई में 3500 से अधिक नकली, खराब स्टैंडर्ड और नकली BIS सर्टिफिकेट वाले प्रोडक्ट जब्त किए गए हैं, एजेंसी के अनुसार इन समानों की कीमत तकरीबन 70 लाख कीमत के गीजर, फूड मिक्सर और इलेक्ट्रिक एप्लायंस पकड़े है. इस दौरान, दिल्ली, त्रिनगर इलाके में इंस्टाकार्ट पर छापेमारी में 6 लाख रुपए मूल्य के 590 जोड़ी नकली जूते जब्त भी किए गए है.
BIS अधिनियम, 2016 के उल्लंघन के लिए यह अपराध संज्ञेय है और BIS उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करेगा. यह कार्रवाई उपभोक्ता सुरक्षा सुनिश्चित करने और बाजार में मानकों को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.