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क्या दुर्घटना मामलों में Insurance Company घटा देगी मुआवजा? अगर परिजनों को मिला मृतक का कारोबार

मामला सड़क दुर्घटना में मारे गए दंपत्ति की इंश्योरेंस राशि से जुड़ा है, जिसे लेकर बेटियों ने एक करोड़ रूपये मुआवजे की मांग की थी. मद्रास हाई कोर्ट ने इंश्योरेंस की राशि को एक करोड़ रूपये से कम करते हुए था कि इस मामले में परिजनों को न्यूनतम वित्तीय हानि हुई है, वहीं सुप्रीम कोर्ट ने एक करोड़ के मुआवजा राशि बहाल करते हुए कहा कि भले ही बेटियों की पैरेंट्स का व्यवसाय मिला है, लेकिन व्यवसाय चलाने के लिए अनुभव व व्यहार की कमी के चलते हुए नुकसान उठाना पड़ा होगा.

Written by Satyam Kumar Published : January 31, 2025 6:55 PM IST

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सड़क दुर्घटना का मामला

सड़क दुर्घटना से जुड़े मुआवजे के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मृतक के व्यवसाय के उत्तराधिकारियों द्वारा अधिग्रहण से मोटर दुर्घटना मुआवजे को कम नहीं किया जा सकता है.

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दंपत्ति की बेटियों को मिलेगा मुआवजा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा मृतक दंपत्ति का व्यवसाय स्थापित करने में उनके योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, लेकिन केवल इसलिए कि बेटियों ने व्यवसाय संभाला, इसका मतलब यह नहीं है कि वे उसे सफलतापूर्वक चला पाएंगी.

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सुप्रीम कोर्ट

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रोड एक्सीडेंट में दंपत्ति की मौत

यह मामला सड़क दुर्घटना में दपत्ति की मौत से जुड़ा है, जिनकी चार बेटियां है. पैरेंट्स की मौत के बाद उन्होंने इंश्योरेंस कंपनी से 1-1 करोड़ रूपये मांगी थी,

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Insurance Company

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मद्रास हाई कोर्ट ने कम की मुआवजे की राशि

मद्रास हाई कोर्ट ने इसे घटाकर ₹26.68 लाख और ₹19.22 लाख कर दिया, हाईकोर्ट ने कहा कि मामले में मृतक की मौत से अपीलकर्ताओं को न्यूनतम वित्तीय हानि हुई है.

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मामला शीर्ष अदालत पहुंचा

अब बेटियों ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. अदालत ने हाई कोर्ट के मुआवजा कम करने के कारणों पर गौर किया, तो पाया कि अदालत ने माता-पिता का व्यवसाय, बेटियों को मिला है इसलिए वित्तीय हानि न्यूनतम पाते हुए मुआवजे की राशि कम कर दी है.

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एक करोड़ मुआवजा

सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले में सुधार करते हुए मुआवजे की राशि को कम करने के फैसले को खारिज करते हुए बेटियों को एक करोड़ रूपये का मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं.