
धोखे में रखकर यौन संबंध
क्या धोखे में रखकर किसी महिला का यौन शोषण किया जाना संभव है? और क्या ये संभव है कि महिला इस बात का विरोध ना करें.

16 साल तक चला रिलेशनशिप
सुप्रीम कोर्ट में ऐसा ही एक मामला आया. जिसमें 16 साल के रिलेशनशिप (Live In Relationship) का दावा करके महिला ने अपने साथी पर यौन शोषण करने का आरोप लगाया है.

शादी के वादे पर बनाया संबंध
आइये पहले यह जानते हैं कि विवाद शुरू कैसे हुआ. महिला 5 जुलाई, 2022 को एक एफआईआर दर्ज कराकर दावा करती है कि शादी का झूठा वादा करके उसका यौन शोषण किया गया.

आरोपी बना बैंक कर्मचारी
आरोपी पहले पुलिस में कांस्टेबल था. बाद में उसकी जॉब बैंक में लग गई. महिला ने दावा किया कि 2006 में उसके साथ रिलेशनशिप में है.

ब्लैकमेल करने का आरोप
इस दौरान आरोपी ने उसके साथ बार-बार शारीरिक संबंध बनाया, उसका वीडियो बनाकर वर्षों तक ब्लैकमेल भी किया.

शादी, दूसरी महिला से
युवती ने बताया कि इस दौरान वह गर्भवती भी हुई लेकिन अबॉर्शन भी करवाया. इसके बाद उस आरोपी पुरूष ने दूसरी महिला से शादी कर लिया.

सुप्रीम कोर्ट

सोलह साल तक!
अदालत ने आगे कहा कि शिकायतकर्ता और आरोपी एक लंबे समय तक लिव-इन संबंध में थे और उनके बीच के संबंधों की स्वेच्छा को देखते हुए बलात्कारी और धोखाधड़ी के आरोप अविश्वसनीय थे.

पर्याप्त सबूत नहीं!
कोर्ट ने कहा कि बलात्कार, धन उगाही और धमकी के आरोपों का समर्थन करने वाले सबूत नहीं थे और ये केवल एक विचार के रूप में दिखाई देते थे

कानून का दुरूपयोग
शीर्ष अदालत ने महिला को फटकारते हुए कहा कि कोर्ट ने कहा कि आपराधिक कानून का दुरुपयोग व्यक्तिगत विवादों को सुलझाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

आपसी रिश्ते खराब हुए
कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि 16 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद FIR दर्ज कराने का मामला एक प्रेम संबंध/लिव-इन संबंध का खराब होना था.

आरोपी को मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट ने FIR और आरोपी के खिलाफ सभी संबंधित कार्यवाही को खारिज करते इस FIR को कानून की प्रक्रिया का गंभीर दुरुपयोग करार दिया.