
सुप्रीम कोर्ट

शादी का वादा कर बनाया संबंध
इस मामले में महिला ने शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि आरोपी-अपीलकर्ता ने उससे शादी का झूठा वादा करके यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया है. हालांकि, महिला ने आरोपी के साथ तीन बार होटल के कमरे में जाने की बात स्वीकार की.

संबंध बनाने के बाद मानसिक रूप से परेशान
महिला ने यह भी कहा कि पहली बार यौन संबंध बनाने के समय आरोपी ने उससे शादी का वादा किया था. सुप्रीम कोर्ट ने महिला के बयानों के गौर पर करते हुए कहा कि वह भले ही पहले और दूसरे मामले के बाद वह मानसिक रूप से परेशान थी, लेकिन फिर भी आरोपी के साथ वह तीसरी बार होटल गई.

Rape मानने के लिए दो अनिवार्य शर्त
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अपने पृथ्वीराजन मामले में शादी के वादे पर यौन संबंध बनाने को रेप के रूप में साबित करने के लिए दो अनिवार्य शर्तों का जिक्र किया.

पीड़िता को बरगलाकर बनाया हो संबंध
जिसके अनुसार पहली शर्त, आरोपी ने पीड़िता की सहमति शादी के वादे पर ली हो, जबकि इसे पूरा करने का उसे शुरू से इरादा नहीं हो. और दूसरी शर्त, आरोपी ने विवाह का झूठा वादा किया हो और पीड़िता ने उस वादे को सच मानकर अपनी सहमति दी हो.

जबरदस्ती नहीं बनाए गए संबंध
वहीं, इस मामले में धमकी व जबरदस्ती से यौन संबंध बनाने के दावे को भी सही साबित करने के लिए सबूतों का अभाव है क्योंकि तीनों बार ये संबंध होटल रूम में बने हैं.

सहमति से बना संबंध
पीड़िता का दावा कि आरोपी ने उसे यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया, विश्वसनीय नहीं है. अदालत ने स्पष्ट किया कि दोनों पक्षों के बीच का यौन संबंध सहमति से था.

मामला खारिज हुआ
सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए आरोपी के खिलाफ मुकदमे को रद्द कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपी के खिलाफ मुकदमा अदालती प्रक्रिया का दुरुपयोग है. हाई कोर्ट को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए था.