
पत्नी का पर्दा नहीं करना क्रूरता नहीं
हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि पत्नी का पर्दा नहीं करना पति के साथ क्रूरता नहीं है और यह तलाक पाने के लिए उपयुक्त आधार नहीं हो सकता.

हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस टिप्पणी के बावजूद पति के अपील को स्वीकार करते हुए तलाक की मंजूरी दी है. आइये जानते हैं इसका कारण....

पति ने की तलाक की मांग
पति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से दो आधार पर तलाक की मांग किया.

स्वतंत्र विचारों वाली है पत्नी
पहला, उसकी पत्नी स्वतंत्र विचारों वाली है और अपनी मनमर्जी से बाजार एवं अन्य जगहों पर जाती है.

23 सालों से दूर है पत्नी
दूसरा कि वह लंबे समय से उससे दूर रह रही है.

पत्नी ने किया स्वीकार
वहीं, पत्नी ने स्वीकार किया कि वह 23 साल से अधिक समय से पति के साथ नहीं रह रही हैं और उनका बेटा अब बालिग हो चुका है.

इस साल हुई थी शादी
बताते चलें कि इस मामले में कपल की शादी 26 फरवरी, 1990 को हुई और गौना चार दिसंबर, 1992 को हुआ. वहीं कपल साल 1995 में एक बेटा भी हुआ.

तलाक की मंजूरी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पति की अपील स्वीकार करते हुए तलाक मंजूर करते हुए कहा,

मानसिक क्रूरता का दावा
अपीलकर्ता मानसिक क्रूरता का दावा कर सकता है क्योंकि उसकी पत्नी बहुत लंबे समय से अलग रही,

पति की याचिका मंजूर
पति और पत्नी 23 साल से अधिक समय के अलगाव को देखते हुए हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए पति की तलाक याचिका स्वीकार कर लिया है.