क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा के बीच तलाक हो गया है. बांद्रा फैमिली कोर्ट ने दोनों की तलाक अर्जी पर अपनी मंजूरी दे दी. कोर्ट की सुनवाई के खत्म होने के बाद दोनों पक्षों के वकीलों ने इसकी जानकारी दी. युजवेंद्र चहल के वकील नितिन गुप्ता ने कहा कि दोनों की शादी खत्म हो गई है. कोर्ट ने तलाक की अर्जी स्वीकार कर ली है और अब दोनों का तलाक हो गया है. बीते दिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा की 'कूलिंग-ऑफ अवधि को माफ करने की मांग' वाली याचिका को स्वीकार करते हुए इस मामले का निपटारा करने को कहा था.
जस्टिस माधव जामदार की पीठ ने पारिवारिक अदालत को निर्देश दिया कि वह आगामी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में चहल की भागीदारी को ध्यान में रखते हुए गुरुवार को तलाक की याचिका पर फैसला करे. पीठ ने इस तथ्य पर ध्यान दिया कि दोनों पक्ष ढाई साल से अलग रह रहे थे और उन्होंने मध्यस्थता प्रक्रिया के दौरान गुजारा भत्ता के भुगतान के संबंध में सहमति की शर्तों का विधिवत पालन किया था. बता दें कि अगर पति और पत्नी एक साल या उससे ज्यादा समय से अलग रह रहे हैं, तो वे आपसी सहमति से तलाक का आदेश प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13बी(2) के तहत, तलाक याचिका की प्रस्तुति की तारीख से कम से कम 6 महीने की वैधानिक कूलिंग-ऑफ अवधि प्रदान की जाती है, ताकि जोड़े के बीच समझौते और पुनर्मिलन की संभावनाओं का पता लगाया जा सके. सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में एक ऐतिहासिक फ़ैसले में कहा था कि 6 महीने की कूलिंग-ऑफ अवधि अनिवार्य नहीं है और अगर कोर्ट को लगता है कि पार्टियों के फिर से साथ रहने की कोई संभावना नहीं है, तो वह इस शर्त को माफ कर सकता है.
धनश्री और चहल ने 2020 में सगाई की और उसी साल दिसंबर में गुरुग्राम में शादी की. वहीं उनके अलग होने की अफवाह जनवरी 2024 से शुरू हुई. फरवरी 2024 में दोनों ने आपसी सहमति से तलाक मामले में कूलिंग ऑफ पीरियड से राहत पाने के लिए आवेदन किया. उससे पहले मेडिएशन के सहारे दोनों ने अपनी तलाक की मांग की थी, दोनों ने दावा किया कि पिछले ढ़ाई साल से वे दोनों अलग-अलग रह रहे हैं. फैमिली कोर्ट ने चहल को 4.75 करोड़ रूपये गुजारा-भत्ता व एलिमनी के तौर पर देने के निर्देश दिए थे. वहीं, जब दोनों ने फैमिली कोर्ट से हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 13बी (ii) के कूलिंग पीरियड से राहत की मांग की. इस पर फैमिली कोर्ट ने कहा कि चहल ने तय गुजारे भत्ता व मेंटनेंस की राशि में केवल 2.37 करोड़ रूपये ही दिया है, इसलिए उनकी मांग पूरी नहीं की जा सकती है. हालांकि, कपल को बॉम्बे हाई कोर्ट ने राहत देते हुए फैमिली कोर्ट को मामले का निपटारा 20 मार्च तक करने को कहा है.