मोहाली की पॉक्सो कोर्ट ने स्वघोषित पादरी बजिंदर सिंह को 2018 के यौन उत्पीड़न मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. आज अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीएसजे) विक्रांत कुमार की अदालत ने यह फैसला सुनाया. बजिन्दर को 28 मार्च को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 376 (बलात्कार), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सजा) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी ठहराया था. बता दें कि इस फेमस पादरी पर एक महिला के साथ यौन शोषण के गंभीर आरोप थे. मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने पुख्ता सबूत और गवाह पेश किए, जिसके आधार पर कोर्ट ने यह कड़ा फैसला सुनाया है. यह मामला 2018 में जीरकपुर थाने में एक महिला द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था. मंगलवार को फैसला सुनाए जाने से पहले अदालत परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. सजा के ऐलान के बाद पीड़ितों ने राहत की सांस ली, वहीं बचाव पक्ष ने हाई कोर्ट में अपील करने की बात कही है.
यह मामला तब सुर्खियों में आया था, जब एक महिला ने बजिंदर सिंह पर दुष्कर्म का गंभीर आरोप लगाया था. पीड़िता ने दावा किया था कि पादरी ने मोहाली स्थित अपने घर पर उसके साथ बलात्कार किया और इस घटना को रिकॉर्ड कर उसे ब्लैकमेल करने की धमकी दी. महिला के अनुसार, "आरोपी ने उसे धमकाया था कि अगर वह उसकी मांगों को नहीं मानती तो वह वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट करके वायरल कर देगा." मोहाली की पॉक्सो कोर्ट द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद स्वघोषित पादरी बजिंदर सिंह को कड़ी सुरक्षा के बीच जेल ले जाया गया है.
इस मामले की पीड़िता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह आरोपी के लिए कम से कम 20 साल की सजा चाहती है. उन्होंने कहा, "मैं चाहती हूं कि उसे कम से कम 20 साल की सजा मिले। वह कानून को बहुत अच्छे से जानता है और जानबूझकर ये सभी अपराध करता है. मैं चाहती हूं कि महिलाएं उसके खिलाफ खुलकर बोलें. उन्हें अब और डरना नहीं चाहिए.
पीड़िता की वकालत कर रहे वकील अनिल सागर ने इस फैसले की अहमियत पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा, "वह एक आध्यात्मिक नेता के रूप में लोकप्रिय था. उसके अनुयायी उसे 'पापा जी' के नाम से जानते थे. जब ऐसे व्यक्ति द्वारा इस तरह का अपराध किया जाता है, तो एक उदाहरणात्मक सजा दी जानी चाहिए, हम जीवन कारावास की सजा से संतुष्ट हैं. उसे अपनी आखिरी सांस तक जेल में रहना होगा."
एक रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा के यमुनानगर निवासी और जालंधर स्थित 'चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विजडम' के संस्थापक बजिंदर सिंह खुद को ईसा मसीह का दूत बताता है और चमत्कारिक इलाज का दावा करता है. उसके कई वीडियोज सोशल मीडिया पर वायरल हैं, जिसमें वह मरीजों को ठीक करता दिखाई देता है. हालांकि, अब, बजिंदर सिंह की सजा के बाद उसकी मुश्किलें बढ़ गई हैं. पास्टर बजिंदर सिंह येशु-येशु गाने को लेकर भी काफी फेमस है.