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'ED मैटर में कौन-सी बेल होती है?' कहने वाले जज से मैटर ट्रांसफर करने का जांच एजेंसी ने किया विरोध, दिल्ली हईकोर्ट में दायर की याचिका

भूषण स्टील मनी लॉन्ड्रिंग केस की सुनवाई होने के बाद कथित तौर पर जज के बयान पर आपत्ति जताते हुए वादी ने केस को दूसरे जज के पास ट्रांसफर करने की मांग की. अब ईडी ने इस मांग का विरोध करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

दिल्ली हाईकोर्ट में ईडी ने दायर की याचिका (चित्र: दिल्ली हाईकोर्ट की ऑफिसियल वेबसाइट से)

Written by Satyam Kumar |Published : May 17, 2024 3:49 PM IST

Who Get Bail in ED Matters: भूषण स्टील मनी लॉन्ड्रिंग केस की एक सुनवाई स्थगित होने के बाद कथित तौर पर जज के बयान पर आपत्ति जताते हुए वादी ने केस को दूसरे जज के पास ट्रांसफर करने की मांग की. अब ईडी ने इस मांग का विरोध करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

दिल्ली हाईकोर्ट में, जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने ED की याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान जस्टिस ने प्रतिवादी व आरोपी अजय एस मित्तल के खिलाफ नोटिस जारी किया है.

बता दें कि अजय मित्तल की मांग के बाद ही उनके खिलाफ चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग का मामला स्पेशल जज (पीसी) जगदीश कुमार से स्पेशल जज (पीसी) मुकेश कुमार के पास ट्रांसफर किया गया है.

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आज की सुनवाई के दौरान, ईडी (वादी) की तरफ से आए जोहेब हुसैन ने इस मांग को काफी गंभीर बताया. वहीं प्रतिवादी (अजय मित्तल) की ओर से आए सीनियर एडवोकेट मोहित माथुर ने मांग रखते हुए कहा कि जब तक ये मामला अदालत के तब तक उन्हें ट्रायल कोर्ट में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई की मंजूरी दी जाए.

ईडी ने मांग का विरोध किया. कहा कि अगर ऐसा होता है तो ईडी की याचिका कोई मतलब ही नहीं रह जाएगा.

ED के मैटर में बेल मिलता है क्या?

अजय मित्तल की पत्नी (जो आरोपी भी है) वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से इस मामले की सुनवाई को देख रही थी. उन्होंने आरोप लगाया कि दिन की सुनवाई के बाद उन्होंने जज को कहते सुना,

"लेने दो डेट, ईडी के मामलों में कौन सी जमानत होती है?"

जिसके आधार पर उन्होंने मामले को दूसरे जज के पास ट्रांसफर करने की मांग की. मामले को ट्रांसफर भी किया गया.

अब ईडी ने इस ट्रांसफर का विरोध करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की. मामले में अगली सुनवाई 22 मई को होगी.