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पहली बार JNU ने निकाला तो Delhi HC ने जगह दिलाई, अब PHD Scholar दोबारा से रेस्टिकेट हुई

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने पीएचडी छात्रा स्वाति सिंह को अनुशासनात्मक उल्लंघन का हवाला देते हुए दो सेमेस्टर के लिए फिर से निलंबित कर दिया है और उन्हें परिसर से बाहर रखा है.

JNU, Delhi HC

Written by Satyam Kumar |Published : May 1, 2025 12:15 PM IST

हाल ही में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने पीएचडी छात्रा स्वाति सिंह को 29 अगस्त, 2023 के दिन एक महिला सुरक्षा गार्ड के साथ हुए विवाद और शारीरिक हिंसा में शामिल होने के आरोप में दो सेमेस्टर के लिए फिर से निलंबित किया है और उसे विश्वविद्यालय परिसर से बाहर रहने को कहा है. इसी घटना से जुड़े मामले में स्वाति सिंह को पहले दिल्ली हाई कोर्ट से रहात मिल चुकी है, जिसमें पीएचडी स्कॉलर के निलंबन के आदेश को रद्द किया गया था.

क्या है मामला?

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने एक बार फिर पीएचडी छात्रा स्वाति सिंह को दो सेमेस्टर के लिए निलंबित किया है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने निर्णय अनुशासनात्मक उल्लंघनों के आधार पर लिया है. स्वाति, जो डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (DSF) की अध्यक्ष हैं, पर आरोप है कि उसने 29 अगस्त 2023 को एक महिला सुरक्षा गार्ड के साथ विवाद और शारीरिक हिंसा में मौजूद रही थीं. दिल्ली हाई कोर्ट ने 2024 में स्वाति के खिलाफ पहले के निलंबन आदेश को पलटते हुए कहा था कि उनके खिलाफ यह कार्रवाई प्राकृतिक न्याय सिद्धांत का उल्लंघन है. अब दोबारा से विश्वविद्यालय ने इसी मामले में छात्रा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है.

JNU ने अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए धारा 32(5) का हवाला दिया है, जिसमें धमकी या अपमानजनक व्यवहार और अनुशासन का उल्लंघन शामिल है. स्वाति ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध का उदाहरण बताया है. उसने कहा, "जब वे हमारी राजनीति को पराजित नहीं कर सकते, तो वे हमारी उपस्थिति को दंडित करते हैं."

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ANI ने मुख्य प्रॉक्टर एन. जनार्दन राजू से प्रतिक्रिया मांगी, लेकिन उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया. वहीं, स्वाति ने सोशल मीडिया पर निलंबन आदेश साझा किया है, जिसमें यह चेतावनी दी गई है कि यदि कोई भी स्वाति सिंह को परिसर के किसी हॉस्टल/निवास में शरण देता है, तो उसे अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. स्वाति ने कहा है कि वे इस फैसले को दोबारा से हाई कोर्ट में चुनौती देंगी.