Advertisement

बंगाल सरकार ने नाबालिग से रेप-हत्या मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को दी चुनौती

न्यायमूर्ति मंथा की पीठ को हाल ही में राज्य पुलिस के खिलाफ एसआईटी के साथ सहयोग नहीं करने की शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद जस्टिस मंथा ने कड़ी आपत्ति जताते हुए गुरुवार को गृह विभाग से सात दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी.

Written by My Lord Team |Published : June 9, 2023 6:31 PM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले के कालीगंज में नाबालिग लड़की से दुष्कर्म और हत्या के मामले में राज्य सरकार ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ के दोहरे आदेशों को चुनौती दी.

न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल पीठ के दो आदेशों को मुख्य न्यायाधीश टीएस की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में चुनौती दी गई है. इसमें न्यायामूर्ति शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य भी शामिल हैं.

पहला आदेश मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल के गठन से संबंधित है, जबकि दूसरा न्यायमूर्ति मंथा द्वारा एसआईटी के साथ सहयोग करने से पुलिस के कथित रूप से इनकार करने पर राज्य के गृह विभाग से रिपोर्ट मांगने से संबंधित है.

Also Read

More News

रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच की मांग करते हुए उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करने के बावजूद, न्यायमूर्ति मंथा ने एसआईटी का गठन किया था.

नाबालिग से दुष्कर्म, हत्या का मामला

आपको बता दे कि इस एसआईटी में कोलकाता पुलिस के तत्कालीन विशेष आयुक्त दमयंती सेन, सेवानिवृत्त आईजी पंकज दत्ता और सेवानिवृत्त सीबीआई संयुक्त निदेशक उपेन बिस्वास शामिल थे.

न्यायमूर्ति मंथा और विशेष रूप से राज्य पुलिस को एसआईटी को पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया. हालांकि, सेन को उनकी वर्तमान पोस्टिंग से राज्य पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (प्रशिक्षण) के कम महत्वपूर्ण पद पर स्थानांतरित कर दिया गया है.

भाषा के अनुसार, न्यायमूर्ति मंथा की पीठ को हाल ही में राज्य पुलिस के खिलाफ एसआईटी के साथ सहयोग नहीं करने की शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद जस्टिस मंथा ने कड़ी आपत्ति जताते हुए गुरुवार को गृह विभाग से सात दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी.

गौरतलब है कि उत्तरी दिनाजपुर जिले के कालीगंज में नाबालिग लड़की से दुष्कर्म और हत्या का मामला इसी वर्ष अप्रैल में हुआ था.