नई दिल्ली: Bombay High Court ने क्रिकेटर विराट कोहली की बेटी के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले शख्स के खिलाफ दायर FIR और चार्जशीट को रद्द कर दिया है.
जस्टिस एएस गडकरी और जस्टिस पीडी नाइक की पीठ ने मामले में विराट कोहली की ओर से शिकायत दर्ज कराने वाले कोहली के प्रबंधक अक्विलिया डिसूजा द्वारा आरोपी के खिलाफ आरोपी को छोड़ने की सहमति देने के बाद हाईकोर्ट ने ये आदेश दिया है.
कहा जा रहा है कि विराट कोहली ने आरोपी छात्र के भविष्य को देखते हुए अपनी मैनेजर को मामला वापस लेने को कहा था. जिसके बाद मैनेजर अक्विलिया डिसूजा ने बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष मामला वापस लेने पर सहमति दी.
25 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर रामनागेश अकुबथिनी की ओर से अदालत से अनुरोध किया गया था कि वो एक मेधावी IIT-JEE रैंक होल्डर रह चुका और ये मामला उसके भविष्य की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाएगा.
आरोपी ने अपने बचाव में कहा कि मामले में कार्यवाही जारी रखने से उनके लिए गंभीर पूर्वाग्रह पैदा होगा. आरोपी के अधिवक्ता ने अदातल से कहा कि वह प्रतिष्ठित कंपनियों के साथ इंटर्नशिप कर रहा है और उसके खिलाफ कोई आपराधिक पृष्ठभूमि या नैतिक अधमता के आरोप नहीं लगाए गए थे.
याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ एफआईआर के लंबित रहने से विदेश में मास्टर्स या भविष्य की किसी अन्य संभावना के मुश्किल होगी.
याचिका में यह भी कहा गया कि उसके ट्वीटर से किया गया विवादित ट्वीट आरोपी के डिवाइस के आईपी पते से नही किया गया था.
मामले में याचिकाकर्ता ने अदालत से एफआईआर रद्द करने का अनुरोध किया था. इस मामले में विराट कोहली की ओर से शिकायत दर्ज कराने वाले उनके मैनेजर से भी जवाब मांगा गया था.
सोमवार को विराट के मैनेजर की ओर से अधिवक्ता ने जवाब पेश करते हुए याचिकाकर्ता के भविष्य को देखते हुए एफआईआर रद्द करने की सहमति दी.
जिसके बाद पीठ ने याचिकाकर्ता के खिलाफ दायर एफआईआर और चार्जशीट को रद्द करने का आदेश दिया.
2021 के टी-20 वर्ल्ड कप में भारतीय क्रिकेट टीम की पाकिस्तान और न्यूजीलैंड से मैच हारने से नाराज रामनागेश श्रीनिवास अकुबाथिनी ने कथित तौर पर सोशल मीडिया पर विराट कोहली की बेटी वामिका को लेकर अपमानजक टिप्पणी की.
विवादित ट्वीट में विराट की 9 महीने की बेटी से बलात्कार की धमकियां दी गईं.
मामले में मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत अपराधों के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (अपमानजनक अपमान), 506 (आपराधिक धमकी), 500 (मानहानि) और 201 (सबूतों को मिटाना) के तहत 8 नवंबर, 2021 को एफआईआर दर्ज की.
मुंबई पुलिस ने हैदराबाद में अकुबथिनी को रोका और उसे गिरफ्तार कर लिया. अकुबथिनी को 11 नवंबर, 2021 को बांद्रा में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के समक्ष पेश किया गया था, जिसे 16 नवंबर को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने से पहले 4 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
इस मामले में 27 नवंबर, 2021 को मुंबई के मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने अकुबाथिनी को जमानत दे दी थी. मजिस्ट्रेट कोमल सिंह राजपूत का कहना था कि अकुबाथिनी द्वारा पोस्ट की गई टिप्पणियों और इसमें इस्तेमाल किए गए शब्दों पर विचार करें तो इसमें सीधे क्रिकेटर या उनके परिवार के बारे में नहीं लिखा गया है.