Tis Hazari Firing Case: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में फायरिंग और दंगे की घटना के एक साल बाद मामले को सत्र अदालत (Session Court) में भेज दिया गया है. सेशन कोर्ट को मामले को सौंपने के बाद 'आरोपों पर बहस' होने की संभावना है. बहस पर सुनवाई 18 जुलाई के दिन होगी.
तीस हजारी फायरिंग की घटना 5 जुलाई 2023 को वकीलों के दो समूहों के बीच हुई थी. पुलिस ने मामले में 3 सितंबर 2023 को आरोप पत्र (Chargesheet) दायर किया था. 4 अक्टूबर को तीस हजारी कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था.
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी चतिंदर सिंह ने मामले को आगे की कार्यवाही के लिए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश Principal District And Session Judge) को सौंप दिया है. अब आरोपियों को 18 जुलाई को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया गया है. इसके बाद मामला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (Additional Session Judge) को सौंपा जाएगा जो आरोपियों के खिलाफ आरोपों पर दलीलें सुनेंगे. इस मामले के आरोपी अभी जमानत पर हैं.
तीस हजारी फायरिंग मामले में आठ लोगों को आरोपी बनाया गया था. वे इस प्रकार हैं, शिव राम पांडे, ललित शर्मा, मनीष शर्मा, संदीप शर्मा, सचिन सांगवान, रवि गुप्ता, अमन सिंह और जीतेश खारी. आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 201, 307, 323, 325 और आर्म्स एक्ट की 25 और 27 के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है. दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में अभियोजन पक्ष के 32 गवाहों का हवाला दिया था. इसमें घटना का सीसीटीवी फुटेज भी शामिल है. पुलिस ने चार्जशीट के साथ एफएसएल रिपोर्ट (FSL Report) भी संलग्न की है. जांच के दौरान दिल्ली पुलिस ने आरोपियों से छह देसी पिस्तौल और भारी मात्रा में गोला-बारूद भी बरामद किया था.
अदालत ने इस मामले के एक आरोपी शिव राम पांडे की जमानत खारिज करते हुए कहा था कि "ऐसे गंभीर मामले में जहां हथियारों और गोला-बारूद का अंधाधुंध इस्तेमाल किया गया और साथ ही सह-आरोपियों से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया, जांच के इस शुरुआती चरण में आवेदक को जमानत पर रिहा करना जांच की प्रक्रिया को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा."
अब अदालत तीस हजारी कोर्ट में फायरिंग के मामले में आरोपों पर बहस करेगी. वहीं, इसकी सुनवाई 18 जुलाई के दिन होनी है.