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सेना को अपराध के लिए बहकाने पर मिलती ये भारी सजा

तीनों सेना के किसी भी अफसर या इससे जुड़े जितने भी लोग हैं उनको बहकाना इस धारा में अपराध में दोषी माना जाएगा. यह अपराध गैर-जमानतीय होने के कारण जमानत आसानी से नही मिल सकेगी.

Written by Nizam Kantaliya |Published : January 14, 2023 8:52 AM IST

नई दिल्ली: कानून के नजर में आम लोगों को बहकाना तो अपराध है ही लेकिन, क्या आप जानते हैं देश की किसी भी सेना के अंग को किसी जवान को चाहे वो जल सेना हो, थल सेना हो, या वायुसेना, इनमें में से को किसी अपराध के लिए बहकाना भी एक अपराध है.

भारतीय दंड संहिता ( Indian Penal Code)1860 के चैप्टर सात में सेना यानी नौसेना और वायुसेना से संबंधित अपराधों के विषय में बताया गया है. अगर कोई तीनो सेना में से किसी भी सेना को धारा में बताए गए अपराधों के लिए बहकाता है तो उसे क्या सजा दी जायेगी उसके बारे में बताया गया है.

IPC की धारा 131

IPC की धारा 131 के अनुसार किसी भी तरह से ​विद्रोह का दुष्प्रेरण या किसी सैनिक, नौसेना या वायुसैनिक को कर्तव्य से विचलित करने का प्रयत्न करना एक अपराध है.

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सेना (Army),नौसेना(Navy)या वायुसेना Air Force) के किसी भी अफसर, सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक को विद्रोह के लिए दुष्प्रेरण(Abetment to revolt) करेगा, या किसी ऑफिसर, सैनिक या नौसैनिक या वायुसैनिक को उसकी राजनिष्ठा (Allegiance) या उसके कर्तव्य से विचलित (Deviated from duty) करने की कोशिश करेगा, वह अपराधी (Offender) माना जाएगा.

दूसरे शब्दों में सेना के तीनों सेना के किसी भी अफसर या इससे जुड़े जितने भी लोग हैं उनको बहकाना इस धारा में अपराध में दोषी माना जाएगा.

सजा का प्रावधान

अगर कोई IPC की धारा 131 में बताए गए अपराध को अंजाम देता है तो ऐसे मामले में जो व्यक्ति दोषी (Guilty) पाया जाता है उसे आजीवन कारावास (Life imprisonment) से दंडित किया जाएगा. जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकती है. साथ ही उस पर जुर्माना (Fine) भी लगाया जाएगा या फिर उसे दोनों ही प्रकार से दंडित (Punished) किया जाएगा. यानि दोनो ही सजा उसे दी जा सकती है.

यह अपराध गैर-जमानतीय होने के कारण जमानत आसानी से नही मिल सकेगी.