नई दिल्ली: भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के अंतर्गत अलग- अलग अपराध और सजा के बारे में बताया गया है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं धारा 114 और 115 के बारे मे, जो आईपीसी ( IPC) के चैप्टर पांच जो दुष्प्रेरण के (of Abetment) विषय में है.
दुष्प्रेरण का तात्पर्य अपराध के प्रोत्साहन से है जिसमें कोई व्यक्ति किसी को अपराध के लिए उकसाता है, भले ही वह अपराध के समय मौजूद रहे या ना रहे. इसके बावजूद उसे अपराध के लिए दुष्प्रेरण माना जाएगा.
आईपीसी की धारा 114 के तहत अगर किसी व्यक्ति के उकसाने पर कोई अपराध होता है भले ही उकसाने वाला अपराध होते समय वहां मौजूद नहीं था. फिर भी उकसाने वाले को सजा मिलेगी. साथ ही साथ अगर उकसाने वाला अपराध वाले जगह पर मौजूद हो और वहां खड़े होकर उकसाया है अपराध के लिए, और उकसाने वाले के खिलाफ सबूत मिल जाय, तो उकसाने वाला व्यक्ति सजा का पात्र होगा.
जैसे - किसी के बीच लड़ाई हो रही हो, किसी ने उकसाया कि चाकू मार दो और अपराधी ने चाकू मार दिया तो उकसाने वाला भी अपराधी होगा.
IPC की धारा 115 के अनुसार अगर कोई व्यक्ति किसी को ऐसे अपराध के लिए उकसाता है जिससे किसी की जान जा सकती है या फांसी या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है.
ऐसी स्थिती में अपराध के लिए उकसाने वाला व्यक्ति भी दोषी होगा. यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को कुछ अपराध करने के लिए उकसा रहा है तो उकसाने वाला व्यक्ति भी बराबर का अपराधी होगा, जितना अपराध करने वाला होगा.
दोनो को कारावास की सजा और जुर्माना लगा कर दण्डित किया जाएगा, हालांकि उकसाने वाले को कम सजा सुनाई जाती है मगर वह ज्यादा अपराधी होता है.कहीं मामलों में हमला करने वाले का पुराना इतिहास और जुर्म की गम्भीरता को देख कर उसकी सजा कम कर दी जाती हैं.
अगर किसी A व्यक्ति ने B व्यक्ति को Z व्यक्ति की हत्या करने के लिए उकसाया है. लेकिन B व्यक्ति हत्या नहीं करता है. ऐसी स्थिती में जब हत्या जैसे गंभीर अपराध के लिए उकसाये जाने पर भी अपराध भले ही नहीं किया गया हो. A व्यक्ति को अपराधी मानते हुए उसे सात साल की जेल के साथ जुर्माने की सजा होगी.
लेकिन A व्यक्ति द्वारा उकसाने के बाद B व्यक्ति Z व्यक्ति पर हमला कर देता है और Z व्यक्ति चोट लगने से घायल हो जाता है या Z व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उकसाने वाले A व्यक्ति को 14 साल की जेल या कोर्ट चाहे तो मौत की सजा भी दे सकती है.साथ ही अदालत जुर्माना भी लगाया जा सकता है.