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पटाखों पर साल भर के लिए पूर्ण प्रतिबंध, यूपी-हरियाणा सरकार गठित करें टीम, वायु प्रदूषण पर नकेल कसने के लिए SC सख्त

अदालत के निर्देशों का अनुपालन करते हुए दिल्ली सरकार ने पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और ऑनलाइन आपूर्ति पर पूरे साल के लिए प्रतिबंध (Ban On Crackers) लगाया है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया कि दिल्ली में ग्रैप-4 लागू किया गया है.

सुप्रीम कोर्ट, प्रदूषण मामला

Written by My Lord Team |Updated : December 20, 2024 11:31 AM IST

बीते दिन वायु प्रदूषण मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा को पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है. अदालत ने एनसीआर के अन्य राज्यों को भी समान प्रतिबंध लागू करने का निर्देश दिया है. अदालत के निर्देशों का अनुपालन करते हुए दिल्ली सरकार ने पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और ऑनलाइन आपूर्ति पर पूरे साल के लिए प्रतिबंध (Ban On Crackers) लगाया है. वहीं, दोबारा से बिगड़ती वायु गुणवत्ता के चलते दिल्ली-एनसीआर में जीआरएपी का चौथा चरण फिर से लागू किया गया है. आइये जानते हैं कि वायु प्रदूषण से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा...

पटाखों के पूर्ण प्रतिबंध पर दिल्ली-NCR के सभी राज्य लागू करें: SC

जस्टिस एएस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ को सूचित किया गया कि वायु गुणवत्ता बिगड़ने के कारण दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (GRAP-4) का चौथा चरण फिर से लागू कर दिया गया है.

अदालत ने कहा,

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‘‘हमारा विचार है कि यह प्रतिबंध तभी प्रभावी होगा, जब एनसीआर क्षेत्र में शामिल अन्य राज्य भी इसी तरह के उपाय लागू करेंगे. यहां तक ​​कि राजस्थान ने भी राज्य के उस हिस्से में इसी तरह का प्रतिबंध लगाया है, जो एनसीआर के दायरे में आता है. फिलहाल हम उत्तर प्रदेश और हरियाणा को भी वैसा ही प्रतिबंध लगाने का निर्देश देते हैं, जैसा कि दिल्ली ने लागू किया है.’’

सुनवाई के दौरान अदालत मित्र के तौर पर पेश हुईं वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने प्रतिबंध पर दिल्ली सरकार के फैसले के बारे में शीर्ष अदालत को जानकारी दी. न्यायालय ने एनसीआर के राज्यों को जीआरएपी के चौथे चरण के तहत प्रदूषण विरोधी उपायों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों की टीम गठित करने का निर्देश दिया.

पीठ ने कहा,

"हम एनसीआर के राज्यों को जीआरएपी-4 के उपायों के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए पुलिस और राजस्व अधिकारियों की टीम गठित करने का निर्देश देते हैं. हम कहते हैं कि इस टीम में शामिल सदस्य इस न्यायालय के अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे. वे नियमित रूप से वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को अनुपालन और उल्लंघन की रिपोर्ट सौंपेंगे, ताकि सभी संबंधित पक्ष तत्काल कार्रवाई कर सकें."

दिवाली के दौरान वायु प्रदूषण को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कोर्ट ने कहा कि पहले के प्रतिबंधों का पालन नहीं हुआ. सुप्रीम कोर्ट एमसी मेहता की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया था.