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आपको इतिहास का ज्ञान नहीं, आपकी दादी ने PM रहते Veer Savarkar के लिए प्रशंसा पत्र लिखा था... सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को जमकर फटकारा

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ लखनऊ की अदालत द्वारा जारी समन पर रोक लगा दिया है, लेकिन चेतावनी दी कि अगर भविष्य में ऐसी ही टिप्पणियां की गईं तो स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाएगी.

Defamation Case, Rahul Gandhi

Written by Satyam Kumar |Published : April 25, 2025 12:29 PM IST

आज सुप्रीम कोर्ट ने वीर सावरकर को लेकर दिए बयान देने के मामले में कांग्रेस नेता व सांसद राहुल गांधी को जमकर फटकारा है. अदालत ने उनसे पूछा कि आपको पता नहीं है कि स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान कैसे किया जाता है. आपकी दादी ने प्रधानमंत्री रहते हुए वीर सावरकर की प्रशंसा में पत्र लिखे थे और आप ऐसी टिप्पणी दे रहें है, अगर भविष्य में आपकी ओऱ से ऐसी ही टिप्पणियां की गईं, तो अदालत स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करेगी. इतनी फटकार के बाद सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ जारी समन पर भी रोक लगाया है. बता दें कि राहुल गांधी की याचिका में वीर सावरकर को लेकर दिये आपत्तिजनक बयान के मामले में लखनऊ की निचली अदालत की ओर से जारी समन और वहां चल रही कार्यवाही को रद्द करने की मांग गई थी. सुप्रीम कोर्ट से पहले, 4 अप्रैल को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राहुल गांधी को कोई भी राहत देने से इंकार कर दिया था.

क्या है मामला?

मामला 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के महाराष्ट्र में दिए गए विवादित बयान से जुड़ा है. इसमे उन्होंने सावरकर को 'अंग्रेजों का नौकर' बताया था. साथ ही, उन्होंने कहा था कि सावरकर 'अंग्रेजों से पेंशन लेते थे. वकील नृपेंद्र पांडे ने इसको लेकर निकली अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी. निचली अदालत ने राहुल गांधी के खिलाफ पहली नज़र में आईपीसी 153(A) और 505 के तहत केस मानते हुए उन्हें समन जारी किया था.

कोर्टरूम आर्गुमेंट

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की खंडपीठ ने राहुल गांधी को राहत देते हुए उनके खिलाफ चल रहे मानहानि मामले पर रोक लगा दी है. वहीं, सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट कड़े रूख अपनाते हुए वीर सावरकर को लेकर दिए राहुल गांधी के बयानों पर आपत्ति जताई. सुनवाई के दौरान राहुल गांधी की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए.

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जस्टिस दीपंकर दत्ता ने पूछा

"क्या महात्मा गांधी को सिर्फ इसलिए अंग्रेजों का सेवक कहा जा सकता है क्योंकि उन्होंने वायसराय को लिखे अपने पत्रों में आपका वफादार सेवक शब्द का इस्तेमाल किया था.क्या आपके मुवक्किल को पता है कि महात्मा गांधी ने भी वायसराय को संबोधित करते समय आपका वफादार सेवक शब्द का इस्तेमाल किया था? क्या आपके मुवक्किल को पता है कि उनकी दादी ने भी प्रधानमंत्री रहते हुए सावरकर की प्रशंसा में एक पत्र लिखा था,"

जस्टिस ने आगे कहा,

जब आप इतिहास जानते तो आप स्वतंत्रता सेनानियों के लिए ऐसी टिप्पणी नहीं करते. क्या आप स्वतंत्रता सेनानियों के साथ ऐसा सलूक करेंगे?

जस्टिस दत्ता ने चेताते हुए कहा कि आगे से उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में गैर-जिम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिए. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमे पर रोक लगाते देते हुए कहा कि अगर आगे से आप ऐसी टिप्पणी करेंगे तो हम स्वत: संज्ञान लेकर मामले की कार्रवाई करेंगे.