Hemant Soren's Plea: पिछली सुनवाई के दौरान भी सुप्रीम कोर्ट ने मामले से जुड़े तथ्यों को छिपाने की आशंका जाहिर की थी. सुनवाई के क्रम में यह बात सामने आई कि हेमंत सोरेन ने अपनी याचिका में PMLA केस से जुड़े सभी तथ्यों का खुलासा नहीं किया गया है. जांच एजेंसी की पैरवी कर रहे सॉलिसीटर जनरल एसवी राजू ने भी इस बात को अदालत के सामने रखा था, अब सुप्रीम कोर्ट में हेमंत सोरेन का पक्ष रख रहे सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने फटकार के बाद ED की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका वापस ले ली है.
सुप्रीम कोर्ट में, जस्टिस दीपंकर दत्ता और जस्टिस सतीश चंद्र वर्मा की वेकेशन बेंच (Vacation Bench) हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
बेंच ने कहा,
"आपने हमें क्यों नहीं बताया कि ट्रायल कोर्ट ने मामले को संज्ञान में लिया है. इस बात का जिक्र याचिका में क्यों नहीं है."
बेंच ने आगे कहा,
"आपका आचरण बहुत कुछ बताता है. हमें उम्मीद थी कि याचिकाकर्ता स्पष्टवादिता के साथ अपनी बात रखेंगे, लेकिन उन्होंने महत्वपूर्ण तथ्यों को दबा लिया."
सिब्बल ने बचाव में कहा कि हिरासत में होने के कारण उन्हें पूरे मामले की जानकारी नहीं थी.
बेंच ने कहा,
"इससे आपका आचरण दोषरहित नहीं हो जाता है."
कपिल सिब्बल ने अदालत के रूख को भांपते हुए याचिका को वापस लेने पर विचार किया.क्या है मामला?
ईडी ने हेमंत सोरेन पर जमीन रिकार्ड में हेराफेरी करके, डमी विक्रेताओं के माध्यम से जमीन को हासिल करने का आरोप लगाया है. मामले में ईडी ने 'बड़े स्केल पर जमीन के मालिकाना हक को बदलने' को लेकर हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया है. इस केस में ईडी ने हेमंत सोरेन सहित दस अन्य व्यक्तियों और तीन कंपनियों को आरोपी बनाया है.