सुप्रीम कोर्ट ने 25 अप्रैल को होने वाले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव (JNUSU) के लिए नामांकन नामंजूर कर दिये जाने को चुनौती देने वाली एक छात्रा की याचिका बुधवार को खारिज कर दी. जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने उस ‘नियमन में हस्तक्षेप’ करने से इनकार कर दिया, जो 25 वर्ष से अधिक आयु के उम्मीदवारों के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) चुनाव लड़ने पर रोक लगाता है.
प्रारंभ में इस पीठ ने छात्रा के वकील को दिल्ली हाई कोर्ट जाने को कहा था लेकिन बाद में उसने याचिका पर सुनवाई की तथा उसे खारिज कर दिया. स्नातकोत्तर की प्रथम वर्ष की छात्रा रितु अनुभा सी ने जेएम लिंगदोह समिति के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए दावा किया कि जेएनयू के लिए शैक्षणिक सत्र शुरू होने के छह से सात सप्ताह के भीतर छात्र संघ चुनाव कराना अनिवार्य है.
छात्रा के वकील ने कहा कि अगर जेएनयू प्रशासन ने सितंबर में चुनाव कराए होते, जैसा कि आमतौर पर होता है, तो वह चुनाव लड़ने के योग्य होती. वकील ने कहा कि अब जबकि वह 25 साल से थोड़ी अधिक उम्र की हो गई है, उसके नामांकन पत्र को बिना उसकी किसी गलती के खारिज कर दिया गया.
वकील ने कहा कि जेएनयूएसयू चुनाव हर साल सितंबर में होते हैं. हालांकि, पीठ ने कहा कि कई विश्वविद्यालयों ने कोविड-19 के दौरान चुनाव नहीं कराए. क्या इसका मतलब यह है कि अधिक उम्र वाले लोग बाद में चुनाव लड़ने का अधिकार मांग सकते हैं...(याचिका) खारिज की जाती है.
जेएनयूएसयू चुनाव 25 अप्रैल को होने हैं और जेएनयू को स्कूल काउंसलर के पद के लिए 250 और जेएनयूएसयू के चार केंद्रीय पैनल पदों के लिए 165 नामांकन प्राप्त हुए हैं. मतदान दो चरणों में होगा - सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक तथा दोपहर ढाई बजे बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक. मतगणना उसी दिन रात नौ बजे शुरू होगी.