Prevention of Money Laundering Case: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने ED की समीक्षा याचिका खारिज की है. ED ने साल, 2023 में PMLA से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट के ही फैसले को दोबारा से जांच करने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को रद्द कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, ईडी आईपीसी के सेक्शन 120B के तहत अपराधिक साजिश के मामलों में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) नहीं लगा सकती हैं. जब तक कि अपराध PMLA कानून के पार्ट A,B और C में तय किए गए नियमों के अनुरूप नहीं हो, या पैसों की हेराफेरी से नहीं जुड़ा हो. आईपीसी के सेक्शन 120B के तहत दर्ज अपराधिक सजिश का विवाद, अगर पैसों की हेराफेरी से जुड़ा हो तो मामले में PMLA लगाया जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट में डिवीजन बेंच के सामने समीक्षा याचिका को रखा गया है. बेंच में जस्टिस अभय एस ओका और पंकज मित्तल ने सुनवाई की. बेंच ने कहा, साल, 2023 में दिए गए फैसले की समीक्षा करने का कोई आधार नहीं है.
बेंच ने कहा,
"हमने 29 नवंबर, 2023 के फैसले और आदेश की जांच कर ली है जिसकी समीक्षा की मांग की गई थी. कोई स्पष्ट त्रुटि नहीं पाई गई. इसके अलावा भी, समीक्षा का कोई आधार नहीं है. समीक्षा याचिका खारिज की जाती हैं."
परिणामस्वरूप, सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की याचिका को खारिज की, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग में दिए फैसले की समीक्षा करने की मागंं की गई थी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपराधिक साजिश के मामलों में PMLA लगाने पर रोक लगाई थी, ये फैसला 29 नवंबर, 2023 के दिन दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा. आईपीसी के सेक्शन 120बी अपने आप में बड़े अपराध (अपराधिक साजिश) से जुड़ा मामला है. ऐसे में अगर सिर्फ आईपीसी के सेक्शन 120बी के मामलों में PMLA लगाने दिया जाए. बाकी आईपीसी की अन्य धाराओं में भी इसे लगाने की इजाजत क्यों नहीं दी जानी चाहिए! यह उचित नहीं है. नवंबर, 2023 में ही सुप्रीम कोर्ट ने अपराधिक साजिश के मामलों में आईपीसी के सेक्शन 120 के तहत कार्रवाई करने के आदेश दिए. साथ ही इस मामले में PMLA लगाने पर रोक लगाई. वहीं, ईडी ने अपराधिक साजिश के मामलों में PMLA लगाने की मांग की थी.
अब, ईडी ने इसी फैसले को रिव्यू करने की मांग की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की है.