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एग्जिट पोल पर पाबंदी की मांग वाली सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज, कहा-चुनाव आयोग को ही फैसला करने दीजिए

सुप्रीम कोर्ट

एग्जिट पोल पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि ये कार्यक्षेत्र चुनाव आयोग का है, इस पर उन्हें ही फैसला लेने दीजिए. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि हम चुनाव आयोग तो चला नहीं रहे है. अदालत ने ये भी कहा कि ये याचिका पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (PIL) नहीं बल्कि पॉलिटिकल इंटरेस्ट लिटिगेशन लग रही है. 

Written by Satyam Kumar |Updated : September 6, 2024 1:43 PM IST

Ban On Exit Poll: आज की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने एग्जिट पोल पर रोक लगाने की मांगवाली याचिका खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये मामले चुनाव आयोग को सुलझाने हैं और सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग नहीं चला रहा है. बता दें कि ये याचिका मतगणना के दिन (4 जून) एग्जिट पोल दिखाने से शेयर मार्केट में अप्रत्याशित गिरावट देखी गई थी, जिसके बाद एग्जिट पर रोक लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी.

PIL नहीं पॉलिटिकल इंटरेस्ट लिटिगेशन है, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की एग्जिट पोल पर रोक की मांग वाली याचिका

सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि ये कार्यक्षेत्र चुनाव आयोग का है, इस पर उन्हें ही फैसला लेने दीजिए. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि हम चुनाव आयोग तो चला नहीं रहे है. अदालत ने ये भी कहा कि ये याचिका पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन(PIL) नहीं बल्कि पॉलिटिकल इंटरेस्ट लिटिगेशन लग रही है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार चुनी जा चुकी है, अब हमें इन अटकलों पर रोक लगानी चाहिए.

जम्मू एंड कश्मीर में होनेवाले हैं चुनाव, आयोग ने एग्जिट पोल को किया प्रतिबंध

जम्मू एंड कश्मीर में चुनाव होनेवाले हैं. ये चुनाव 25 सितंबर से लेकर 1 अक्टूबर तक चलेगी. इसे लेकर चुनाव आयोग  ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 126ए के तहत किसी प्रकार के एग्जिट पोल के प्रकाशन पर लागू रहेगी.

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चुनाव आयोग ने कहा,

"चुनाव परिणाम पर एग्जिट पोल प्रतिबंध, मतदान के पहले दिन से शुरू होगा और जम्मू-कश्मीर में मतदान समाप्त होने के आधे घंटे बाद तक जारी रहेगा.''

चुनाव आयोग ने जम्मू एंड कश्मीर चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी की है, जिसमें एग्जिट पोल पर उपरोक्त समय के लिए प्रतिबंध लगाया गया है.

एग्जिट पोल क्या है?

वोट देकर आनेवाले व्यक्तियों से उनके पसंसदीदा उम्मीदवार के बारे में पूछना और उसके आधार पर रिपोर्ट तैयार कर चुनाव परिणाम की परिकल्पना करना एग्जिट पोल कहा जाता है. इसके आधार मीडिया चैनल देश भर में जीत रहे उम्मीदवार की पता लगाते हैं या लोगों के रूझान किस नेता या दल के प्रति है, इसकी चर्चा करते हैं. आपको बता दें कि सरकार कभी एग्जिट पोल नहीं करवाती है. आमतौर पर मीडिया चैनल, समाचार पत्र ही एग्जिट पोल प्रकाशित करते हैं.

इग्जिट पोल को लेकर अभी क्या कानून है?

देश में इग्जिट पोल पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन इसे चुनाव आयोग के निर्देशानुसार ही चलाया जा सकता है. भारत में एग्जिट पोल चुनाव आयोग नियंत्रित करती है. एग्जिट पोल पर वोटिंग डे के दिन पूरी तरह प्रतिबंध रहता है. इसका उद्देश्य ये  है कि जिन मतदाताओं ने अभी तक मतदान नहीं किया है, वे एग्जिट पोल में दिखाए जानेवाले परिणामों से प्रभावित न हों. चुनाव आयोग के निर्देशानुसार, अंतिम चरण का मतदान समाप्त होने से पहले एग्जिट दिखाने की मनाही है.