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सुप्रीम कोर्ट ने 2000 रुपये के नोट को बदलने संबंधी अधिसूचना के खिलाफ याचिका की तत्काल सुनवाई से इनकार, कही ये बात

2000 रुपये के नोटों को बिना आइडेंटिटी प्रूफ के एक्सचेंज करने की अनुमति के खिलाफ दायर की गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सुनने से इनकार कर दिया है। जानें उन्होंने क्या कहा है

SC refuses urgent listing of plea regarding exchange of Rs 2000 Notes

Written by My Lord Team |Published : June 1, 2023 2:17 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) ने आज, 1 जून, 2023 को दो हजार रुपये के नोटों के एक्सचेंज से जुड़ी एक याचिका की तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आज, गुरुवार को, सुप्रीम कोर्ट ने बिना आईडी प्रूफ के 2000 रुपये के नोट को एक्सचेंज करने के खिलाफ दायर याचिका को सुनने से इनकार कर दिया है। इस फैसले के पीछे पीठ ने क्या कारण दिया है, विस्तार से जानिए..

सुप्रीम कोर्ट की इस पीठ ने सुनाया फैसला

सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश सुधांशु धूलिया (Justice Sudhanshu Dhulia) और न्यायधीश के वी विश्वनाथन (Justice KV Vishwanathan) की अवकाशकालीन पीठ ने वकील अश्विनी उपाध्याय (Ashwini Upadhyaya) द्वारा फाइल की गई इस याचिका को 'अर्जेंट लिस्टिंग' की तरह सुनने से इनकार कर दिया है।

पीठ का कहना है कि इस तरह के मामलों को छुट्टियों में नहीं सुन सकते हैं और इसलिए उन्हें कोर्ट के खुलने का इंतजार करना होगा; यह मामला तभी सुना जाएगा।

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बता दें कि अश्विनी उपाध्याय ने इस याचिका के लिए सुप्रीम कोर्ट में 'अर्जेंट लिस्टिंग' (Urgent Listing) की मांग रखी थी जिसे सुप्रीम कोर्ट की इस अवकाशकालीन पीठ ने मना कर दिया। इससे दो दिन पहले, अश्विनी उपाध्याय की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने भी खारिज की थी।

Delhi HC ने खारिज की थी याचिका

दो दिन पहले ही दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) के मुख्य न्यायधीश सतीश चंद्र शर्मा (Chief Justice Satish Chandra Sharma) और न्यायधीश सुब्रमणियम प्रसाद (Justice Subramonium Prasad) की खंड पीठ ने अश्विनी उपाध्याय की इस याचिका को खारिज किया था।

अश्विनी उपाध्याय का यह कहना था कि बिना आईडी प्रूफ के दो हजार रुपये के नोटों को एक्सचेंज करने से गुंडों-मावलियों आदि का काला धन आसानी से एक्सचेंज हो पा रहा है जो गलत है।

इस याचिका को खारिज करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने यह कहा कि 2000 के मूल्यवर्ग वाले नोट तब जारी किये गए थे जब 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए गए थे और देश की अर्थव्यवस्था को उस करेंसी की जरूरत थी। अब, जब ऐसा नहीं है तो सरकार के बिना आईडी प्रूफ के दो हजार रुपये के नोटों को बदलने के फैसले को गलत नहीं कहा जा सकता है।